• February 14, 2023

शु-पक्षियों के प्रति हमारी संवेदना व चेतना ही समाज की चेतना को अभिव्यक्त करती है

शु-पक्षियों के प्रति हमारी संवेदना व चेतना ही समाज की चेतना को अभिव्यक्त करती है
जयपुर———-  मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि पर्यावरण के साथ-साथ हमारे आस-पास रहने वाले जीवों का संरक्षण करना तथा उनके प्रति दया और करूणा का भाव रखना मानव समाज का अहम दायित्व है। पशु-पक्षियों के प्रति हमारी संवेदना व चेतना ही समाज की चेतना को अभिव्यक्त करती है। इस अस्पताल और मोबाइल ट्रोमा सेंटर में बीमार तथा घायल पशु-पक्षियों को तत्काल उपचार मिल सकेगा।
श्री गहलोत ने  बारां जिले के ग्राम बडां में श्री महावीर गौशाला कल्याण संस्थान द्वारा निर्मित श्री महावीर निःशुल्क पशु-पक्षी अस्पताल और मोबाइल ट्रोमा सेन्टर का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति संरक्षण हमारी बुनियादी जरूरत है। पर्यावरण की इस धरोहर को आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित सौंपना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोकार्पण पट्टिका का अनावरण तथा फीता काटकर अस्पताल का शुभारम्भ किया। उन्होंने अस्पताल की सुविधाओं तथा अत्याधुनिक चिकित्सकीय मशीनों का अवलोकन किया तथा अस्पताल परिसर में गौ-पूजन किया। इस दौरान उपस्थित जनसमूह ने जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री बडां बालाजी तीर्थ स्थल में श्री महावीर गौशाला कल्याण संस्थान द्वारा पंडित श्री प्रभु नागर के सान्निध्य में चल रहे श्रीमद् भागवत गंगा महोत्सव एवं गौरक्षा सम्मेलन में सम्मिलित हुए।
पशु-पक्षी अस्पताल एक अनूठी पहल-
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पशु-पक्षियों के लिए आउटडोर-इनडोर सहित सम्पूर्ण उपचार की सुविधाएं हैं। प्रदेश में पहली बार पशु-पक्षियों के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ सुविधाएं स्थापित कर अनूठी पहल की गई है। यहां पशु-पक्षियों का ऑपरेशन, इलाज, आई.सी.यू. वार्ड तथा एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध है। उन्होंने दानदाताओं, गौशाला प्रबंधकों तथा पशु प्रेमियों से आह्वान किया कि वे आगे आकर अधिक से अधिक गौशाला व नंदीशाला खोलने में राज्य सरकार का सहयोग करें।
जीव संरक्षण की भावना के अनुरूप कार्य कर रही सरकार-
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जीव संरक्षण एवं पशु प्रेम की भावना के अनुरूप कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा गौवंश संरक्षण के लिए निदेशालय की स्थापना की गई थी। इसे अब विभाग का रूप दिया गया है। सरकार द्वारा नंदीशाला की स्थापना के लिए लगभग 1.56 करोड़ रुपए तथा गौशाला की स्थापना के लिए लगभग 1 करोड़ रुपए की सहायता दी जा रही है। चारे की बढ़ती हुई दरों को देखते हुए गौशालाओं की मांग पर 6 माह के स्थान पर 9 माह का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गौ-संवर्धन के लिए गत 4 वर्षों में 2500 करोड़ रुपए तक की सहायता गौशालाओं को दी जा चुकी है।
श्री गहलोत ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में भी गौवंश तथा पशु संपदा के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। लम्पी रोग से दुधारू गौवंश की मृत्यु पर प्रति गाय 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना के तहत प्रति परिवार 2 दुधारू पशुओं के लिए 40-40 हजार रुपए का बीमा करवाया जाएगा। इस पर 750 करोड़ रुपये का व्यय होगा, जिससे 20 लाख से अधिक पशुपालक लाभान्वित होंगे। इसके अलावा पशुओं के निःशुल्क टीकाकरण तथा गौशालाओं एवं नंदीशालाओं के लिए 1100 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान बजट में किया गया है।
ऐतिहासिक बजट की देश भर में सराहना-
श्री गहलोत ने कहा कि पिछले 4 सालों में राज्य सरकार द्वारा जनहित में अहम फैसले लिए गए हैं। अब वर्ष 2023-24 के बजट में बचत, राहत और बढ़त के संकल्प के साथ प्रदेश की जनता को महंगाई की मार से उबारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसी क्रम में 1 करोड़ एनएफएसए परिवारों को निःशुल्क राशन के साथ प्रतिमाह मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 1 अप्रेल से लगभग 76 लाख परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 100 यूनिट तथा किसानों को प्रतिमाह 2 हजार यूनिट निःशुल्क बिजली देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रति परिवार बीमा राशि 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए तथा दुर्घटना बीमा राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी गई है। अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए प्रतिमाह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी।
अत्याधुनिक सुविधायुक्त पशु-पक्षी अस्पताल व मोबाइल ट्रोमा सेन्टर-
श्री महावीर निःशुल्क पशु-पक्षी अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। अस्पताल में समस्त उपचार सुविधाएं 24 घंटे संचालित रहेंगी। यहां आस-पास के क्षेत्र में किसी भी पशु-पक्षी के बीमार, संक्रमित अथवा अन्य कारणों से प्रभावित होने की सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम द्वारा निःशुल्क एम्बुलेंस से अस्पताल लाया जाएगा। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक उपचार करेंगे। यहां जांच केन्द्र में पशु-पक्षियों के खून, गोबर आदि सभी प्रकार की जांच के साथ-साथ एक्स-रे एवं सोनोग्राफी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। अस्पताल परिसर में 3 ऑपरेशन थियेटर एवं 6 से अधिक आधुनिक सुविधायुक्त वार्ड हैं।

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