• December 10, 2017

विकास कार्यों के लेखे-जोखे से रूबरू हुए पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़

विकास कार्यों के लेखे-जोखे से रूबरू हुए पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़

झज्जर (जनसंपर्क विभाग)——— गांव के विकास कार्यों में गांव के लोगों की भागीदारी होगी तो विकास कार्यों की गुणवत्ता के साथ गांव के विकास के रचनात्मक सुझाव एवं समाधान भी मिलते हैं। यह कहना है हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का। वे रविवार को बादली विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों से रूबरू होकर विकास कार्यों की समीक्षा का अनूठा कार्यक्रम चलाने के सवाल पर बोल रहे थे।
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उन्होंने कहा जब गांव एक इकाई रूप में अपने विकास की बात स्वयं सोचता है तो विकास का यह पैमाना उम्मीद से भी अधिक उम्दा होता है। मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा यह अनूठा प्रयोग एक तरह से दशकों पहले ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तरह ही है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था में पंचायत एवं मौजिज लोग गांव की समस्या एवं समाधान के बेहतर विकल्प सरकार और अधिकारियों के समक्ष रख रहे हैं, गांव के विकास में यह लोगों की सीधी भागीदारी है।

उल्लेखनीय है कि पिछले तीन वर्षों में गांवों में हुए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जानने के लिए पंचायतों के पास सरकार पहुंच रही है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विभाग के सभागार में पंचायत एवं विकास मंत्री बादली विधानक्षेत्र के 12 गांवों की पंचायतों से अलग-अलग रूबरू हुए।

हर गांव की पंचायत के समक्ष बड़ी स्क्रीन पर पिछले तीनों सालों में गांव में हुए विकास कार्यों का ब्यौरा संबंधित फोटो एवं राशि के साथ ग्रामीणों के समक्ष रखा गया। अपनी तरह के इास पंचायती सदन के सामने ही गांव के किसी विकास कार्य पर कोई संशय आया तो संबंधित अधिकारी को तलब कर मौके पर ही समाधान अथवा निर्देश जारी किए गए।

रविवार को जिन गांवों के विकास कार्यों पर चर्चा हुई वाजिदपुर, खखना, सिकंदरपुर, उटलौधा, जहांगीरपुर, बाबरा, भटेड़ा, चांदपुर, गिजाड़ौद, रायपुर, सिलाना व कुलाना गांव शामिल रहे। संबंधित गांवों के विकास कार्यों की चर्चा के मंथन के दौरान गांव के सरपंच, पंच के अलावा सहित गांव के मौजिज लोग भी उपस्थित रहे। गांव के विकास पर स्वयं पंचायत मंत्री के रूबरू कार्यक्रम में गांवों की पंचायती संस्थाओं की महिला प्रतिनिधि भी पूरी रूचि के साथ गांव के विकास पर चर्चा करने कार्यक्रम में पहुंच रही हैं।

गांव के विकास कार्यों की समीक्षा के इस अनूठे प्रयोग में प्रोजेक्टर के माध्यम से संबंधित गांव के विकास कार्यों को सिलसिलेवार राशि के साथ तथा विकास की प्रमाणित तस्वीर के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों से संबंधित काम पर पंचायत मंत्री ने स्वयं फीडबैक लिया। जिन विकास कार्यों पर ग्रामीणों की रजामंदी और रिकार्ड ने मेल नहीं खाया वहीं पंचायत मंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों की समक्ष ही संबंधित विभाग के अधिकारियों से मौके पर ही जवाबतलब करते हुए संबंधित विभाग अथवा अधिकारी की जवाबदेही भी तैयार की। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त सुशील सारवान, एसडीएम रोहित यादव, जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी विशाल कुमार सहित अनेक विभाग के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल में आज तक किसी भी विधायक ने इस तरह पंचायतों को बुलाकर गांव में कराए विकास कार्यो का हिसाब नहीं दिया। उन्होंने पंचायतों द्वारा रखी गई मांगों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं के अनुरूप बजट का निर्धारण करते हुए अनुदान देती है,फिर भी कोई परियोजना अधूरी रहती है,तो उसके लिए पैसे की कमी नहीं रहने दी जाएगी।

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