- June 3, 2015
वाटर ग्रिड के लिए समन्वित कार्य योजना बनाएं -मुख्यमंत्री
जयपुर – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि जिन जिलों में सतही पेयजल स्त्रोत नहीं हैं, वहां स्थाई जल स्त्रोत की पहचान कर जल संसाधन विभाग के माध्यम से वाटर बाडीज तैयार की जाएं। इसके लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं जल संसाधन विभाग मिलकर समन्वित कार्य योजना तैयार करें। ताकि वाटर ग्रिड के माध्यम से पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्र में पीने के पानी की स्थाई व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
श्रीमती राजे मंलगवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि स्थाई जल स्त्रोत के लिए चिन्हित वाटर बाडीज का उपयोग पेयजल के लिए ही हो इसकी भी सुनिश्चितता की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वीकृत होने वाली पेयजल योजना का लाभ उस क्षेत्र के प्रत्येक गांव एवं ढ़ाणी में रहने वाले नागरिक को मिले, ताकि योजना के लिए स्वीकृत राशि का पूर्ण सदुपयोग हो सकें। विभागीय अभियन्ता इस बात पर विशेष ध्यान दें।
श्रीमती राजे ने गत बजट में घोषित 12 पेयजल योजनाओं में से 5 पेयजल योजनाओं के पूर्ण नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इन अधूरी पेयजल योजनाओं के साथ इस बजट में घोषित 12 पेयजल योजनाएं भी निर्धारित समय में पूर्ण होनी चाहिए। इसमें देरी के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय योजनाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पेयजल योजना के साथ इसमें उपयोग में ली गई सामग्री का थर्ड पार्टी से निरीक्षण करवाया जाए। उन्होंने कहा कि समुद्री जल का उपयोग पेयजल एवं अन्य कार्यों के लिए हो सके, जलदाय विभाग इसका भी परीक्षण करवाएं।
श्रीमती राजे ने कहा कि पेयजल गुणवत्ता प्रभावित गांवों में लगने वाले आर.ओ. प्लान्ट का अधिकतम उपयोग हो तथा इनके संधारण की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पानी के सदुपयोग के लिए आम नागरिकों में जागरूकता के लिए विभाग विशेष अभियान चलाए।
मुख्यमंत्री ने इन्दिरा गांधी नहर परियोजना एवं जलग्रहण क्षेत्र विकास विभाग की बजट घोषणाओं पर हुई प्रगति की भी समीक्षा की।
बैठको में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रीमती किरण महेश्वरी, जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस. मेहरा, प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी श्री ओ.पी. सैनी, शासन सचिव पीएचईडी श्री दिनेश कुमार, सचिव आयोजना श्री अखिल अरोड़ा, शासन सचिव जल संसाधन श्री अजिताभ शर्मा सहित दोनों विभागों के मुख्य अभियन्तागण उपस्थित थे।
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