लाड़ली लक्ष्मी योजना मील का पत्थर

लाड़ली लक्ष्मी योजना  मील का पत्थर

भोपाल—————————— दुनिया की अनूठी योजना को साकार होने का अदभुत दृश्य देखकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भावुक हो गये। उनके द्वारा एक दशक पहले शुरू की गयी लाड़ली लक्ष्मी योजना महिला सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। मुख्यमंत्री मंगलवार को इस योजना से लाभान्वित उन बालिकाओं को छात्रवृत्ति के चेक वितरित कर रहे थे, जिन्होंने कक्षा छठवीं में प्रवेश लिया है।

लाड़ली लक्ष्मी योजना के रूप में अपने द्वारा रोपे गये पौधे को फलते-फूलते देख मुख्यमंत्री श्री चौहान की खुशी की सीमा न रही। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना के नन्हें हितग्राहियों को देखकर कहा कि आज का दिन उनके लिये सबसे ज्यादा खुशी का दिन है।

उन्होंने एक दशक पहले जो संकल्प लिया था आज पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मियों को देखकर मैं गदगद हूँ और मेरा रोम-रोम पुलकित है। मैं जीवनभर माँ, बहिन और बेटियों की भलाई के लिये काम करता रहूँगा।

मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में आयी बेटियाँ मुख्यमंत्री से मिलकर प्रफ्फुलित थी। इनमें भोपाल जिले के चाँदबढ़ की लक्ष्मी और ओमप्रकाश की बेटी अंशु, जेपीनगर की फातिमा और वाजिफ खान की बेटी खुशनुमा, सीहोर की रुक्मणी और नरेश परमार की बेटी खुशी, विदिशा के गोमती उदय की बेटी नंदनी, राजगढ़ के सीमा-कृष्णमोहन की बेटी ज्योति तथा रायसेन मंडीदीप के चंदा अनिल राव की बेटी तनुजा की खुशी देखते ही बनती थी। इनमें कई बेटियों ने मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी ली। मुख्यमंत्री ने उनके सिर पर हाथ रख आशीर्वाद दिया। इस दौरान मामा भांजियाँ बेहद प्रसन्न थे।

इस मौके पर इन बेटियों के माता-पिता ने भी अपनी खुशी का इजहार किया। वे मुख्यमंत्री निवास में लाड़ली शिक्षा पर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान के निमंत्रण पर अपनी बेटी के साथ शामिल हुए। उन्होंने अपनी बेटी को उनके मामा मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिलाकर खुशी जाहिर की।

लाड़लियों के माता-पिता ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया कि उन्होंने बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण बनाने के पुख्ता इंतजाम किये हैं। कभी बेटियों को बोझ समझने वाला समाज और लोग अब उन्हें वरदान समझने लगे हैं। समुदाय की सोच बदलने में लाड़ली लक्ष्मी योजना की महती भूमिका है।

एक दशक पहले शुरू की गई यह योजना न केवल देश में बल्कि दुनिया की अनूठी योजना है। इसकी सफलता देखकर इसे कई प्रदेश ने अपनाया है। इसके अंतर्गत गैर आयकर दाता उन परिवारों की बेटियों को लाभ मिलता है जिनकी दो संतानें हैं। उन्हें राज्य शासन ने बचत पत्र उपलब्ध करवायें। इस योजना से अभी तक 23 लाख बेटियाँ लाभांवित हो चुकी हैं, जिनके बचत खातों में 9600 करोड़ रुपये जमा करवाये गये हैं। इन्हें 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 27,640 करोड़ रुपये की विशाल राशि मिलेगी।

 इसके पहले इन बालिकाओं के कक्षा छठवीं में प्रवेश पर 2000 रुपये नौवीं में प्रवेश पर 4000 रुपये तथा कक्षा 11वीं और बारहवीं में 6-6 हजार रुपये छात्रवृत्ति के रूप में मुहैया करवाये जायेंगे। साथ ही अठारह वर्ष बाद शादी करने पर 21 वर्ष की उम्र में एक लाख से ज्यादा रुपये मिलेंगे। कक्षा छठवीं में प्रवेश लेने वाली 17 हजार लाड़ली लक्ष्मियों को इस वर्ष छात्रवृत्ति के रूप में 2-2 हजार रुपये मिलेंगे।

इस योजना से लाभान्वित 23 लाख से ज्यादा परिवार इस बात से बेहद खुश है कि उनके घर बेटी ने जन्म लिया है। वे अपने को बहुत खुशनसीब मान रहे हैं कि बेटी के माँ-बाप है। वे बेटी की शिक्षा-दीक्षा और विवाह के लिये पूरी तरह निश्चिंत हो गये हैं।

 इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपना स्वागत नहीं कराकर मुख्यमंत्री निवास आयी बेटियों का स्वागत किया और उन्हें मंच पर अपने साथ बैठाया। मुख्यमंत्री ने महिला-बाल विकास विभाग की ‘पंचवटी” प्रदर्शनी का अवलोकन कर पौष्टिक आहार का भी स्वाद लिया।

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