- March 15, 2017
रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना-विश्व बैंक
विश्व बैंक मध्य प्रदेश में बन रही रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना की आंतरिक पारेषण व्यवस्था विकसित करने के लिए ऋण देगा। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है।
मध्य प्रदेश जन संपर्क विभाग के एक अधिकारी ने आज यहां बताया,’विश्व बैंक रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना की आंतरिक पारेषण व्यवस्था विकसित करने के लिए ऋण मुहैया कराएगा। यह विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजना होगी। इससे 750 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा।’
उन्होंने कहा कि इस ऋण का 25 प्रतिशत हिस्सा क्लीन टेक्नालॉजी फंड का होगा, जो एक काफी सस्ता ऋण है और मात्र 0.25 प्रतिशत ब्याज पर मिलता है। यह ऋणकम दर पर प्राप्त होने से टैरिफ पर 5 पैसे का लाभ आकलित है।’ उन्होंने बताया कि रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर संस्था देश की ऐसा ऋण लेने वाली पहली संस्था बन गई है।
अधिकारी ने कहा कि यह ऋण 30 मार्च, 2017 को वाशिंगटन में होने वाली विश्व बैंक की बोर्ड बैठक में स्वीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत में सौर ऊर्जा पार्क विकास के लिए दिल्ली में विश्व बैंक के 10 करोड़ डॉलर ऋण के सिलसिले में हुई बैठक के दौरान लिया गया।
वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में केंद्र सरकार के आर्थिक कार्य विभाग, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विश्व बैंक वाशिंगटन के अधिकारी उपस्थित थे। मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने किया।
अधिकारी ने बताया कि विश्व बैंक यह ऋण इंडियन रिन्युवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी को देगा, जो ऋण को देश में सोलर पार्क विकसित करने वालों में वितरित करेगी।
वर्तमान में देश में इस ऋण का लाभ लेने वाली एकमात्र संस्था रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर (आरयूएमएस) है और आरयूएमएस द्वारा ही विश्व बैंक से विस्तृत चर्चा कर ऋण स्वीकृत करवाया गया है।
उन्होंने कहा,’इस सोलर पावर परियोजना के स्थापित होने पर मध्य प्रदेश को 14,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके अलावा, इससे दिल्ली मेट्रो को बिजली दी जाएगी।’