मानसिक विकलांग शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन

मानसिक विकलांग शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन

जयपुर – केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राज्य सरकार विशेष योग्यजन एवं कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की योजनाओं का तेजी से बेहतर क्रियान्वयन कर रही है, जो सराहनीय है।

श्री गेहलोत शुक्रवार को आगरा रोड जामडोली के समीप स्वयं सिद्घा परिसर में मानसिक विमंदित महिला एवं बाल कल्याण गृह के नवनिर्मित भवन का विधिवत लोकार्पण करने के पश्चात आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत ने जयपुर में 15 करोड़ रुपए की लागत से कम्पोजिट रीजनल सेंटर बनाने की सैद्घान्तिक घोषणा करते हुए कहा कि सीआरसी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के विशेष योग्यजनों को चिकित्सा सुविधा मिलने के साथ ही फीजियोथैरेपी, शिक्षण-प्रशिक्षण एवं रोजगार हेतु व्यसायिक प्रशिक्षण का संचालन किए जाने के बारे में भी अवगत कराया ताकि वे स्वावलम्बी बनकर सामान्य व्यक्ति की तरह स्वाभिमान से अपना जीवन व्यतीत कर सकें।

उन्होंने विशेष योग्यजन की स्पाईन इन्जरी के उपचार के लिए राज्य को 3 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से स्पाइनल सेंटर स्थापित करने की भी सैद्घान्तिक घोषणा करते हुए कहा कि आगामी दो वर्षों में डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। उन्होंने जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण तथा झालावाड़ संसदीय क्षेत्र के शारीरिक रूप से 80 प्रतिशत से अधिक विकलांग विशेष योग्यजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल आगामी दो माह में उपलब्ध कराने की घोषणा करते हुए राज्य के अन्य संसदीय क्षेत्रों में भी ऐसे विशेष योग्यजनों को उपलब्ध कराई जाएगी।

केन्द्रीय मंत्री ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की उत्तर मैट्रिक एवं प्री मैट्रिक छात्रवृति योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के अध्ययन हेतु भी छात्रों को ऋण देने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा सफाई कर्मी महिलाओं को मोटर व्हीकल चलाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही एवं ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाकर उन्हें मोटर मैकेनिक का प्रशिक्षण देने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा के लिए एक लाख रुपये की ऋण राशि 3 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि शारीरिक रूप से 80 प्रतिशत विकलांगता वाले 2 हजार विशेष योग्यजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें 250 मोटराइज्ड ट्राइसाइकिलें वितरित की जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल की लागत 35 हजार रुपये हैं जिसमें से 25 हजार रुपये की राशि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वहन की जाएगी तथा शेष 10 हजार रुपये की राशि दानदाता, सांसद एवं विधायक मद से वहन की जा सकेगी।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि स्वयं सिद्घा परिसर में राष्ट्रीय न्याय, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित गाइड लाइन्स के अनुसार 12 करोड़ 4 लाख 88 हजार रुपए की लागत से 250 की क्षमता के मानसिक विमंदित महिला एवं बाल कल्याण पुनर्वास गृह के निर्मित भवन का लोकार्पण किया गया। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित भवन में मानसिक विमंदित आवासियों के पुनर्वास हेतु प्रशासनिक भवन के साथ विशेष शिक्षण कक्षों का निर्माण भी किया गया है तथा गृह में महिलाओं हेतु 40-40 की क्षमता के दो पृथक-पृथक खण्डों का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार पुरुषों हेतु 60-60 की क्षमता के दो खण्डों का निर्माण किया गया है। उक्त गृह में भोजनशाला का निर्माण भी अलग से किया गया है। वहीं आवासियों के खुली हवा में विचरण करने के लिए उद्यान भी बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि मानसिक विमंदित आवासियों के पुनर्वास एवं उनके शैक्षणिक स्तर में गति प्रदान करने के उद्देश्य से प्रशासनिक भवन में अध्ययन हेतु कक्षों का निर्माण भी किया गया है। उक्त कक्षाओं में विशेष शिक्षकों द्वारा अध्यापन व क्राफ्ट सम्बन्धी शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सेठी कॉलोनी में स्थित राजकीय गृह में लगभग 175 मानसिक विमंदित महिला एवं पुरुष आवासरत हैं। इन्हें नवनिर्मित भवन में उक्त समुचित सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी।

डॉ. चतुर्वेदी ने नागरिकों का आह्वान किया कि वे वर्ष में एक दिन इस गृह में आवश्यक रूप से आएं और यहां के आवासियों के साथ प्रेम एवं खुशियां बांटे ताकि उनका उत्साह और हौसला बढ़ सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विशेष योग्यजनों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए तेजी से प्रयास कर रही है जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा विशेष योग्यजनों एवं महिलाओं, विधवा, परित्यकता, वृद्घजनों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में वृद्घावस्था आश्रम एवं विमंदित बाल गृह संचालित किए जा रहे हैं।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने  केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत द्वारा की गई घोषणाओं के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये विशेष योग्यजनों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

जयपुर सांसद श्री रामचरण बोहरा ने कहा कि विशेष योग्यजनों के लिए नवनिर्मित मानसिक विमंदित महिला एवं बाल कल्याण गृह में संचालित होने वाली शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण गतिविधियां उनके स्वावलम्बन के लिए नए जीवन का मार्ग प्रशस्त करेगी।

समारोह में मानसिक विमंदित महिला एवं बाल कल्याण गृह के सुचारू संचालन के लिए राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान, देहरादून की निदेशक अनुराधा डालमिया एवं विशेष योग्यजन निदेशालय के निदेशक श्री पी.आर. पण्डत ने एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए। समारोह के प्रारम्भ में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री अम्बरीश कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अंत में विशेष योग्यजन निदेशालय के निदेशक श्री पी.आर. पण्डत ने आभार व्यक्त किया।

केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत विमंदित विशेष योग्यजनों से हुए रू-ब-रू

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने नवनिर्मित मानसिक विमंदित महिला एवं बाल कल्याण गृह भवन का लोकार्पण करने के पश्चात विमंदित विशेष योग्यजनों से भी रू-ब-रू हुए।

समारोह में चाकसू के विधायक श्री लक्ष्मीनारायण बैरवा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री सुदर्शन सेठी, अतिरिक्त निदेशक सुनीता मीणा सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मानसिक विकलांग शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत तथा राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अरूण चतुर्वेदी मंत्री ने शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा विशेष योग्यजनों के व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु बनाये गये झालाना डूंगरी स्थित मानसिक विकलांग शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र का विधिवत् उद्घाटन किया। इस केन्द्र का स्वयं सेवी संस्था ”सार्थक’ नई दिल्ली के माध्यम से संचालित किया जाएगा। उक्त केन्द्र के माध्यम से विशेष योग्यजनों को स्वरोजगार व वैतनिक रोजगार प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के उद्देश्य से कम्प्यूटर प्रशिक्षण, भाषा दक्षता हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग प्रोग्राम का संचालन किया जाएगा।

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