• September 10, 2015

महिला सशक्तिकरण : भामाशाह योजना : सू हो जावा निहाल

महिला सशक्तिकरण  : भामाशाह योजना :  सू हो जावा निहाल

जयपुर – जोधपुर जिले की गंगाणी गांव की महिला बाया को भामाशाह योजना का लाभ मिलने से वह आत्म विश्वास से परिपूर्ण हो गई है। बाया इस जुगत से ही कहती है ‘कि अबे तो निहाल व्हे जावंा।’ मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की महिला सशक्तिकरण की इस योजना से महिलाओं में आत्म विश्वास बढा है और बाया भी इसकी सराहना करने से नहीं चूकी।
जिले के गंगाणी गांव की 41 वर्षीय महिला बाया परिवार की मुखिया बनकर सीधी-सीधी बात को ही समझने वाली है। मुख्यमंत्री की भामाशाह योजना द्वारा हर लाभकारी-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जब सीधे परिवार की मुखिया महिला के खाते में जाता है तो उसे व्यावहारिक तौर पर वाकई महिला सशक्तिकरण का अहसास होता है।
कुछ ऐसी ही गहरी भावना से ओतप्रोत बी पी एल परिवार की बाया है। बाया को भामाशाह कार्ड प्राप्त करते ही कुछ ही अर्से में सीधे लाभ मिला है। अब नरेगा से मिलने वाला पारिश्रमिक भी सीधे उसके बंैक खाते में पहुंचता है। वह कहती है कि ‘घरै व टाबरंा ने हमें पैया चाहिजे तो म्हारे खाता सूंं ही दिरादूं’ यह आत्म विश्वास पहले कभी नहीं देखा गया। इसके अलावा भी अब कल्याण्कारी योजनाओं से मिलने वाला लाभ सीधे बाया के ही बैंक खाते में पहुंचेंगें और यहीं उसके भावी विश्वास को और भी बढावा देता है। बाया को पता है कि उसे अब इस कार्ड से क्या लाभ मिलने वाला है। उसने सभी योजनाओं से मिलने वाले लाभ के बारे में बताया।
गंगाणी की धापू व सुगना भी हैं भामाशाह कार्ड से खुश
जोधपुर जिले के गंागाणी गांव की महिलाएं भामाशाह योजना की सीधे लाभ देने के विश्वास से इतनी प्रसन्न हैं कि वे भामाशाह कार्ड को हर समय अपने पास रखती हैं। ग्रामीण महिलाएं धापू व सुगना भी भामाशाह कार्ड को अपने थैले में रखे हुए विश्वास से प्रचूर नजर आई।
जोधपुर जिले गंगाणी की 45 वर्षीय धापू जो स्वयं वार्ड पंच भी हैं भामाशाह योजना को महिला सशक्तिकरण की दिशा में वरदान मानती है और कहती है कि ‘इन कार्ड सूं तो म्हाणे घणोईज फायदो हुवैला’ । इसी तरह 46 वर्षीय ग्रामीण महिला सुगना भी भामाशाह योजना को जब व्यावहारिक तौर पर सीधे लाभ से जुड़ा देख रही है तो वह और महिलाओं में भी आत्म विश्वास भरने के प्रति जागरूक है। ग्रामीण महिलाएं अब भामाशाह योजना से काफी प्रभावित है और इसे मुख्यमंत्री के सोच का ही परिणाम बताती हैं।
महिला सरपंच भी है योजना के प्रति जागरूक
गंगाणी सरपंच भारती गोदारा स्वयं महिला भी है तथा एम.कॅाम व उच्च शिक्षा के साथ उच्च विचारों की भी धनी है। श्रीमती गोदारा ने बताया कि निश्चित रूप से इस गांव की महिलाएं भामाशह योजना के प्रति जागरूक व निश्चित भी हैं। अब तक यहंा 2600 नामाकंन हुए हंै तथा प्रतिदिन लोग नामाकंन करवा रहे है। छूटे गए परिवार भी अपना नामाकंन अटल सेवा केन्द्र ग्राम पंचायत भवन में करवा रहे है और आज भी यहंा तीन और नामाकंन हुए है। अब तक 200 भामाशाह कार्ड वितरित भी किए जा चुके हैं। श्रीमती गोदारा ने बताया कि हम लगातार ग्रामीण महिलाओं को भामाशाह योजना के प्रति जानकारियंा भी देते रहते है।

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