• September 1, 2016

’’महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार रोकने में पुलिस की भूमिका’’

’’महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार रोकने में पुलिस की भूमिका’’

जयपुर————गृह मंत्री श्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि महिलाओं के आत्म सम्मान की सुरक्षा व उनके गौरव के बगैर एक स्वस्थ व सभ्य समाज की कल्पना बेमानी है, अगर हम महिलाओं को सम्मान देंगे व उन्हें प्रोत्साहित करेंगे तो हम सही दिशा में समाज व देश को ले जा सकेेंगे। DSC_0127

श्री कटारिया बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा एवं आपराधिक न्याय विश्वविधालय जोधपुर के ’’सामाजिक सुरक्षा एवं लैगिंक अध्ययन केन्द्र’’ के संयुक्त तत्वावधान में ’’महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अपराधों की रोकथाम में पुलिस की भूमिका’’ पर इन्दिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने व सुरक्षित वातावरण प्रदान करने हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार ने अनेक प्रयास किये हैं। शिक्षा, खेलों व राजनीतिक क्षेत्र में प्रोत्साहन देने से महिलाओं ने अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं।

ऑलम्पिक खेलों में महिलाओं को मिले पदकों को देश के प्रत्येक नागरिक के लिये गौरव की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक वर्ग की बालिकाओं खास तौर से आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों मेें अवसर प्रदान करने से प्रदेश की बेटियों ने अपनी श्रेष्ठता साबित की है । अब महिलाओं के जीवन में बदलाव आ रहा है व जरूरत है कि हम महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलें ।

उन्होंने आह्वान किया कि अगर किसी महिला व बच्ची के साथ कोई अपराध घटित हो जाये तो अपराधी को दण्ड अवश्य मिलना चाहिये लेकिन उसका अनावश्यक प्रचार नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं व बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को पुलिस ने जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि आजादी के बाद हुए इतने विकास के बाद महिलाओं व बालिकाओं कों को अनेक शारीरिक, मानसिक व आर्थिक प्रताड़नाएं सहनी पड़ रही हैें। छोटी-छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म होना प्रत्येक नागरिक के लिये शर्म की बात है।

समाज में महिलाओं को जन्म से लेकर मृत्यु तक लैगिंक असामनता का सामना करना पड़ता है। माता-पिता को चाहिये कि वे बालकोें व बालिकाओं को समान भाव से जीवन जीने का वातावरण पूरी जिम्मेदारी के साथ प्रदान करें। उन्होंने आह्वान किया कि अपराध रोकने हेतु पुलिस, समाज सेवी संगठन व अन्य सभी वर्ग और सरकार के विभाग इस यज्ञ में आहूति दें।

श्रीमती भदेल ने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अत्याचारों को रोकने के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर इस दिशा में कार्य करना होगा। जिससे एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकेगा। साथ ही इस भूमिका को निभाने के लिए आने वाली युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। हमारे समाज में महिलाओं के प्रति जाति आधारित भेदभाव भी बना दिये जाते हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मुद्दे के समाधान के लिए राज्य सरकार व समाज दोनों के स्तर पर प्रयास किया जाना आवश्यक है। महानिदेशक पुलिस श्री मनोज भट्ट ने प्राचीन भारत में नारी के सम्मान ’’यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’’ को उद्धरित करते हुए कहा कि जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैं।

उन्होने कहा कि नारी परिवार का सबसे मजबूत स्तम्भ होती हैं और मॉ, बहिन के बिना हम अपने पारिवारिक जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है। श्री भट्ट ने कहा कि राजस्थान पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा, सुरक्षित वातावरण एवं उनमें आत्मविश्वास जाग्रत करने व उनके साथ होने वाले अत्याचारों की रोकथाम व उनकी पारिवारिक व सामाजिक समस्याओं के निदान हेतु महिला डेस्क, महिला हेल्पलाईन व बालिका आत्म रक्षा जैसे अनेक नवाचार किये हैं जिनके सार्थक परिणाम आये हैं ।

महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव श्री कुलदीप रांका ने कार्यशाला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति भेदभाव जन्म से ही शुरू हो जाता है । इन्हें रोकने हेतु राज्य सरकार के साथ-साथ सभी सम्बद्व पक्ष अपनी सक्रिय व सजग भागीदारी निभा सके इस हेतु यह एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई है ।

इस अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एवं सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं आपराधिक न्याय विश्वविधालय, जोधपुर के कुलपति डॉ0 भूपेन्द्र सिहं ने कहा कि विश्वविधालय महिलाओं के विरूद्व अपराधों को रोकने हेतु अनेक कार्यक्रम आगामी दिनों में करेगा साथ ही महिलाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर अध्ययन हेतु सर्टिफिकेट कोर्स एवं शोध कार्य को बढ़ावा देने जा रहा है ।

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