- March 30, 2017
मंदिरों व धार्मिक स्थलों में कैशलेस की सुविधा जरूरी-सीएम मनोहर खट्टर
चंडीगढ़ (पत्रकार गौरव शर्मा)———-हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन पंचकूला में श्री माता मनसा देवी शक्तिपीठ में महामाई के चरणों में शीश नवाया और प्रार्थना की कि माता प्रदेश के लोगों को खुशहाल व सौहार्दपूर्ण माहौल में रहने की प्रेरणा दे।
पत्रकारों द्वारा मंदिर में चढ़ावे के लिए कैशलेस सुविधा उपलब्ध न होने पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर या धार्मिक स्थल चाहे वे सरकार के अधीन हों या सामाजिक संस्थानों के अधीन हों, कैशलेस की सुविधा होनी चाहिए। कैशलेस देश में एक नया कदम है। लोग कम से कम कैश का उपयोग करें। इसके लिए देश के लोगों ने इस कदम को स्वीकारा है।
मुख्यमंत्री ने विक्रमी संवत 2074 की प्रदेश के लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा आशा व्यक्त की कि नया वर्ष उनके जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता, हर्ष व सुख शांति लेकर आए तथा प्रदेश में सुख शांति बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री माता मनसा देवी उत्तर भारत की एकमात्र शक्तिपीठ है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ पंचकूला विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता भी उपस्थित रहे।
चैत्र नवरात्रों का विशेष महत्व होता है और देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु हर वर्ष अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए माता के दर्शनों के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि माता मनसा देवी महिला सशक्तिकरण की भी प्रतीक है। हरियाणा सरकार ने भी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओ’ अभियान के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने यज्ञशाला में प्रार्थना अर्चना की व हवन में आहुति डाली। उन्होंने जिला रेडक्रास सोसायटी के तत्वावधान में शिव कावड़ महासंघ और ओंकार दास मित्तल चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से लगाए रक्तदान शिविर में स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले व्यक्तियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
पंचकूला की उपायुक्त द्वारा नवरात्रों के दौरान इस वर्ष से श्रद्घालुओं से दूध का चढ़ावा पैकेट में देने की गई अपील के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक अच्छा प्रयास है। दूध व अन्य खाद्य सामग्री पूजा के साथ-साथ गरीबों के भी काम आए।
महिला सशक्तिकरण के संबंध में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में सरकार ने महिलाओं को उद्यमी बनाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे पूर्व भी महिला सशक्तिकरण के अनेक कार्यक्रम क्रियान्वित किए हैं, चाहे वह ‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओ’ अभियान हो या महिला पुलिस थाने खोलने की बात हो या अन्य कार्यक्रम हों।