• March 5, 2016

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए स्वयं में परिवर्तन लाना जरुरी:भागवत

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए स्वयं में परिवर्तन लाना जरुरी:भागवत
कैथल  (राजकुमार अग्रवाल )——————- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघसंचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि भारत को फिर से वियव गुरु बनाने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को अपने आप में परिवर्तन लाना होगा।1 इसके लिए पवित्र ग्रन्थ गीता के उपदेशों को अपने आचरण में लाना होगा। इस पवित्र ग्रन्थ गीता के उपदेश पूरे विश्व के लिए आवश्यक हैं और आज समय की आवश्यकता भी है कि महान ग्रन्थ गीता के संदेश को जीवन में धारण करे।
आरएसएस के सर संघसंचालक डा. मोहन भागवत शुक्रवार को कुरुक्षेत्र के केडीबी रोड़ पर 100 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले गीता ज्ञान संस्थानम के शिलान्यास उत्सव में बतौर मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले सर संघसंचालक डा. मोहन भागवत, हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हिमाचल के राज्यपाल आचार्य डा. देवव्रत, गीता
मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिय़ा, आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य इन्द्रेश कुमार, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राम बिलास शर्मा, स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, स्वामी बाबा रामदेव, दीदी मां साध्वी ऋतांम्बरा, स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, राज्य मंत्री कृष्ण बेदी, सांसद रत्न लाल कटारिया, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, लाडवा विधायक डा. पवन सैनी आदि संतों ने मंत्रौच्चारण के बीच गीता ज्ञान संस्थानम के शिलान्यास उत्सव में भूमि पूजन किया और इस संस्थान की नींव की ईंट भी रखी।
इसके उपरांत गीता ज्ञान संस्थानम का शिलान्यास किया गया और मेहमानों ने इस संस्थान का अवलोकन कर पवित्र ग्रन्थ गीता पर पुष्प अर्पित कर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर उत्सव का विधिवत रुप से शुभारम्भ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां संस्थान को सरकार की तरफ से 6 एकड़ भूमि उपलब्ध करवाई वहीं इस संस्थान के निर्माण कार्य के लिए अपने निजी कोष से 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
हरियाणा व पंजाब के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलकी व योग गुरु बाबा रामदेव ने पंतजलि योग पीठ की तरफ से एक-एक करोड़ रुपए देने के साथ बाबा रामदेव ने अब हरियाणा प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, गोसेवा व वैदिक परम्परा अदि कार्य को के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा भी की हैं। इस दौरान आदर्श गृहस्थ, प्रकृति, पर्यावरण, शोक से योग व वीर जवानों हार न मानों व धनीराम भारती द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया और गीता ज्ञान संस्थानम को लेकर डाक्यूमेंटरी फिल्म का भी विमोचन किया।
आरएसएस के सर संघसंचालक डा. मोहन भागवत ने गीता ज्ञान संस्थानम के शिलान्यास उत्सव में देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हिन्दूस्तान मे ही नहीं पूरे विश्व के लिए गीता के उपदेश और संदेश जरुरी हैं। भारम माँ के पुत्रों ने भाईचारा और सदभावना की भावना बरकरार रहे, इसके लिए गीता के संदशों को अपने आचरण में लाना है। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाना है, इसके लिए सभी के सांझे सहयोग की जरुरत हैं।
अगर भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना है तो आपसी मनमुटाव को भूलकर अपने-आप में परिवर्तन लाना होगा। गीता के 11वें अध्याय के 13वें श£ोक के एक-एक शब्द को अपने जीवन में धारणा हैं। इसके साथ ही गीता के 12वें अध्याय भक्ति को भी ग्रहण करना हैं। गीता का 11वां अध्याय ज्ञान का संदेश देता हैं, वहीं 12वां अध्याय भक्ति का संदेश देता हैं। उन्होंने कहा कि भक्ति को मन में धारण करने के लिए स्वयं में नारायण देखना है, सभी को अपना मित्र मानना है और द्वेष को खत्म करना हैं। स्वतंत्र देश में एक-एक गुण पर चिंतन कर अपने जहन में धारण करना हैं। भक्ति से ही कर्म सुंदर होता हैं।
राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि 4 मार्च का दिन महर्षि दयानंद के जयंती के साथ गीता ज्ञान संस्थानम शिलान्यास के दिवस के रुप में भी जाना जाएगा। स्वामी विवेकानंद ने दूरगामी सोच का परिचय देते हुए कहा था कि 17वीं शताब्दी इंग्लेंड, 18वीं शताब्दी फ्रांस, 19वीं जर्मनी, 20वीं अमेरिका और 21 शताब्दी भारत की होगी। महर्षि अरविंद जी ने भी दूरगामी सोच का परिचय देते हुए भविष्य वाणी की थी कि 21वीं शताब्दी में भारत विश्वगुरु बनने की तरफ अग्रसर होगा। यह गीता ज्ञान संस्थानम निश्चित ही पूरे विश्व को ज्ञान देने का काम करेगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की पावन धरा कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम की स्थापना होने से हरियाणा का गौरव पूरे विश्व में बढ़ेगा। स्वामी ज्ञानानंद के मार्गदर्शन में गीता पर शोध होंगे। घर-घर गीता का प्रचार-प्रसार होगा और समाज में संघर्ष के वातावरण पर पूर्ण विराम लगेगा तथा समाज में आपसी सामंजस्य, संस्कार आमजन तक पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि गीता का सविंधान सार्वकालिक हैं। देश के बाकी सविंधानों में संशोधन हुआ और गीता का संविधान शाश्वत सविंधान है जिसमें कभी परिवर्तन की जरुरत महसुस नहीं हुई। राजनैतिक क्षेत्र के लोग विचार कर नियमों व कानून में अलपकालिक बदलाव तो ला सकते हैं लेकिन पूरे समाज में बदलाव लाने के लिए पवित्र ग्रन्थ गीता के उपदेशों को अपनाना होगा।
उन्होंने कहा कि इन तमाम पहलुओं को जहन में रखते हुए ही सरकार के मंत्रीमंडल ने गीता शोध केन्द्र, संग्रहालय, देश-विदेश से विचार एकत्रित करने और दूनिया को नई राह दिखाने के उदेश्य से बनने वाले गीता ज्ञान संस्थानम के लिए 6 एकड़ जमीन देने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों में हरियाणा में जो दौर था, उसकी कल्पना भी नहीं कि जा सकती।
कुछ लोगों ने भाईचारे की भावना में दरार डालने की भूमिका  अदा की। इस दौर में सरकार ने कानून और बातचीत से स्थिति को संभाला। सरकार फिर से प्रदेश में भाईचारे की भावना पैदा करने के लिए सदभावना सप्ताह के रुप में मनाऐगी। हरियाणा की भूमि ऐसी शक्ति जो भाईचारे की भावना को हमेशा बनाकर रखेगी। सरकार भी हरियाणा एक-हरियाणवी एक उदेश्य को लेकर काम कर रही हैं।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता ज्ञान संस्थानम शिलान्यास उत्सव में पहुंचे तमाम मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि गीता का ज्ञान और उपदेश वर्तमान की आवश्यकता हैं, चरित्र, परम्परा का सम्मान, बच्चों को संस्कारवान व युवाओं को सही मार्ग केवल गीता के उपदेशों से ही मिल सकता हैं। उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान घर-घर तक पंहुचें और पूरे विश्व को एक बार फिर से कुरुक्षेत्र की पावन धरा से गीता का संदेश मिले इसके लिए ही गीता ज्ञान संस्थानम का निर्माण किया जा रहा हैं।
इस केन्द्र में गीता शोध केन्द्र, 108 बच्चों को सेमेस्टर सिस्टम से शिक्षा, 18 अध्यायों पर आधारित 18 विभाग, संग्रहालय, छात्रावास, पुस्तकालय, आडोटोरियम हाल का निर्माण आगामी 3 सालों में पूरा किया जाना है और इस संस्थान पर करीब 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जानी हैं।
इस कार्यक्रम में स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिय़ा, आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य इन्द्रेश कुमार, बाबा स्वामी रामदेव, स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, दीदी माँ ऋताम्बरा, कथावाचक रमेश औझा, स्वामी वेदांतानंद महाराज, बाबा भूपेन्द्र सिंह, शिक्षामंत्री राम बिलास शर्मा, थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन आईएएस अधिकारी सुमेधा कटारिया व डा. मोहित गुप्ता ने किया।

 

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