- October 24, 2016
भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की 22 सूत्री रणनीति- ओंकारेश्वर पांडेय (संपादक सन स्टार)
नवाज शरीफ ने भी दी भारत को हजार ज़ख्म देने के पुराने प्लान को फिर से हरी झंडी
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारत की सेना द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बौखलाये पाकिस्तान ने भारत का जवाब देने के लिए एक 22 सूत्रीय कार्ययोजना स्वीकृत की है, जिसमें भारत के खिलाफ तोड़-फोड़ कराने और दंगा फसाद से लेकर छद्मयुद्ध की अहम भूमिका रहने वाली है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने बाकायदा लिखित तौर पर इस नीति को अपनाने का फैसला किया है, जो भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भारतीय राजनीतिकदलों को एकजुट करने से लेकर देश के विभिन्न भागों में पहले से चल रहे जनजातीय उग्रवादियों, नक्सलवादियों और तमाम तरह के विघटनकारी तत्वों को बढ़ावा देने की खुलेआम सार्वजनिक तौर पर बात करता है।
पाकिस्तान के नीति निर्धारक अपने पूर्व सैन्य शासक जनरल याह्या खान की दशकों पूर्व की उसी नीति को और अधिक प्रबलता से अपनाने जा रहे हैं, और वह नीति है बिना सैनिक कार्यवाही के भारत को हजारों रक्तरंजित घाव देना।
पाकिस्तानी सेना जानती है कि परमाणु हथियार का उपयोग करने की धमकी देना जितना आसान है, बैसा कर पाना उतना ही कठिन। परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने का अर्थ है पाकिस्तान के अस्तित्व पर ही संकट। पाक को पता है कि भारतके पास आधुनिकतम परमाणु रोधी छतरी है। साथ ही पलटवार की भी समुचित प्रणाली। वे यह भी जानते हैं कि इस प्रकार के हमले को स्वीकार करना उन्हें दुनिया के सामने कितना शर्मिन्दा कर देगा।
सवाल है कि आखिरकार पाकिस्तान भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद करना क्या चाहता है ?
पाकिस्तान भारत के भीतर की कमजोर कड़ियों पर ध्यान केन्द्रित किये हुए है और उनका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान की नजर तथाकथित रूप से मुख्यधारा से कटे हुए मुस्लिम, सिख, ईसाई और दलितों के साथ ही माओवादीउग्रवादियों पर है और उसकी योजना उनकी दुर्दशा को अधिकाधिक हवा देकर उन्हें भड़काने की है।
पाक की मंशा है- भारत में मुस्लिम, सिख, ईसाई और दलितों की उपेक्षा के साथ साथ माओवादी उग्रवाद में भारत की गलतियों को उजागर करना।आश्चर्यजनक है कि पाकिस्तान ने लिखित तौर पर अपनी खुफिया एजेंसियों को निर्देश जारी किया है कि वे उन भारतीय राजनीतिक दलों, मीडिया, गैर सरकारी संगठनों और मानवाधिकार संगठनों से व्यापक सम्बन्ध बढ़ाएं जो मोदी की पाकिस्तान विरोधी नीतियों का विरोध कर रहे हैं ।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने इस कार्य के लिए दो सरकारी थिंक टैंक, इस्लामाबाद नीति अनुसंधान संस्थान (IPRI) और क्षेत्रीय अध्ययन संस्थान (आईआरएस) को भारत के अन्दर असंतोष भड़काने की जिम्मेदारी सोंपी है और इसकेलिए आवश्यक निर्णय लेने की उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता भी दी गई है ।
पाकिस्तान की योजना हिंदुत्व के मुद्दे पर मोदी और आरएसएस को निशाना बनाने की भी है और इसके लिए उसने उग्रवादियों के साथ साथ राजनीतिक दलों, मीडिया, गैर सरकारी संगठनों और मानवाधिकार संगठनों में बैठे अपने स्लीपर