भारत और साइप्रस के बीच दोहरा कराधान बचाव समझौते

भारत और साइप्रस के बीच दोहरा कराधान बचाव समझौते
पेसूका ———————— नए भारत-साइप्रस दोहरा कराधान बचाव समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत और साइप्रस के बीच एक आधिकारिक स्तर पर नई दिल्ली में 28 और 29 जून, 2016 को एक बैठक संपन्न हुई। इसमें पूंजीगत लाभ पर कराधान सहित कई लंबित मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ और सभी लंबित मुद्दों पर सैद्धांतिक सहमति कायम हुई।
इस दौरान शेयरों के हस्तांतरण पर होने वाले पूंजीगत लाभ पर स्रोत आधारित कराधान उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। हालांकि 1.04.2017 से पहले के निवेशों के लिए ग्रांडफादरिंग क्लॉज उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके तहत पूंजीगत लाभ कर उस देश में लगाया जाएगा, करदाता जहां का नागरिक है। ये अनंतिम समझौते अब स्वीकृति के लिए कैबिनेट मंत्रिमंडल के सामने रखे जाएंगे, इस क्रम में दोनों देशों के बीच नई कर संधि पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। 

दोनों पक्षों के बीच आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 94ए के अंतर्गत साइप्रस की अधिसूचना जारी किए जाने पर भी चर्चा हुई। इसमें सहमति बनी कि भारत 1 नवंबर, 2013 से लागू संबंधित अधिसूचना को रद्द करने पर विचार करेगा और इस संबंध में प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। दोनों ही पक्षों ने बैठक की प्रगति पर संतोष जाहिर किया और उम्मीद जताई कि इससे जल्द से जल्द सभी लंबित मुद्दों का हल निकालने में मदद मिलेगी।

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