• October 26, 2016

बहरीन में गृह मंत्री श्री राजनाथ – खलीफा के साथ विमर्श

बहरीन में गृह मंत्री श्री राजनाथ – खलीफा के साथ विमर्श

पेसूका ———– तीन-दिवसीय बहरीन के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बहरीन के गृह मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल शेख राशिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा के साथ कल राजधानी मनामा में विस्तार से विचार-विमर्श किया।

दोनों देशों ने कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जो काफी लाभप्रद रही, बहरीन के गृह मंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह और उनके प्रतिनिधिमंडल का शुरूआती भाषण में तहे दिल से स्वागत किया। लेफ्टिनेंट जनरल शेख राशिद ने कहा कि बहरीन का पूर्व और पश्चिम के बीच एक कड़ी के रूप में काम करने का इतिहास रहा है।

उन्होंने बहरीन में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोगों के रहने के कारण भारत के साथ विशेष संबंधों पर भी चर्चा की। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बहरीन एक सहिष्णु, शांतिपूर्ण और खुला देश है।

लेफ्टिनेंट जनरल शेख राशिद ने बहरीन समाज की विविधता को प्रतिबिंबित करने वाले मंदिरों और सामुदायिक केंद्रों को भी देखने के लिए श्री राजनाथ सिंह को आमंत्रित किया। लेफ्टिनेंट जनरल शेख राशिद ने कहा कि बहरीन और भारतीयों की कई पीढ़ियों एक साथ रहते आये हैं जिससे दोनों सरकारों के बीच संबंधों में प्रगाढ़ता आने से अतिरिक्त विकास को प्रोत्साहन मिला है।

लेफ्टिनेंट जनरल शेख राशिद ने बहरीन-भारतीय संयुक्त संचालन समिति की पहली बैठक को संबोधित किया जहां दोनों देशों के बीच आतंकवाद का मुकाबला खासकर क्षेत्रीय आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि बहरीन ने आतंकवादी घटनाओं को झेला है जिसने जीवन तथा बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है।

बहरीन के गृह मंत्री ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ काम करने के लिए तैयार हैं और जिससे हमारे आपसी और क्षेत्रीय सुरक्षा को भी मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त संचालन समिति इस पर ध्यान देगी कि कैसे हम एक साथ चुनौतियों का सामना करें और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के माध्यम से निर्णय लें जिससे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिले।

केंद्रीय गृह मंत्री ने बहरीन के गृह मंत्री का धन्यवाद दिया तथा साथ ही प्रशंसा करते हुए कहा कि हम दो मित्र देशों के बीच प्यार और शांति के आधार पर ऐतिहासिक संबंध हैं। श्री राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा कि बहरीन एक सभ्य और खुला समाज है जो एकता और सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि आपसी दौरे द्विपक्षीय संबंधों के विकास में सहायक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और भारत बहरीन के साथ मिलकर आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सहयोग को तैयार है।

दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि फरवरी 2014 में बहरीन के राजा की यात्रा के दौरान ही दोनों देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी की नींव पड़ गई थी जिसकी परिणति के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने के लिए अवसरों के सृजन का रोडमैप तैयार हो रहा है।

दोनों पक्षों ने उच्च स्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान पर सहमति व्यक्त की है जिससे दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौतों के कार्यान्वयन की दिशा में मदद मिलेगी। दोनों ने दिसंबर 2015 में बहरीन के आंतरिक मंत्री के भारत दौरे पर भी चर्चा की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी, मादक पदार्थों और रासायनिक तत्वों की रोक के लिए सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर इसी दिशा में किए गए प्रयास हैं।

उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ मजबूती पर सहमति व्यक्त की और कहा कि आतंकवाद सभी देशों और समुदायों के लिए एक खतरा है।दोनों ने किसी भी जाति, धर्म या संस्कृति से आतंकवाद को जोड़ने की धारणा को अस्वीकार कर दिया। वे इस बात पर सहमत थे कि एक देश में एक आतंकवादी किसी अन्य देश के द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में महिमामंडित नहीं किया जा सकता और दोनों पक्षों ने सभी देशों से यह आह्वान भी किया कि अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए आतंकवाद का उपयोग न करें और साथ ही जहां भी आतंकवादी संरचना मौजूद है उसका खात्मा करें।

दोनों पक्षों ने सक्रिय रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के समझौते पर सहमति जताई साथ ही इसके लिए एक संयुक्त समिति का गठन भी किया जिसकी पहली बैठक इस यात्रा के दौरान हुई। दोनों ने नियमित रूप से समिति की बैठक आगे भी करते रहने का फैसला किया।

दो पक्षों ने आतंकवाद संबंधी चल रहे जांच के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने, आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी सहित संगठित अपराध संबंधित जारी जांच के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करने, दोनों देशों के कानून के अनुसार आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन के आदान-प्रदान की जानकारी साझा करने, युवाओं का उग्रवाद के प्रति रूझान और साथ ही आतंकी गतिविधियों में इंटरनेट के इस्तेमाल तथा ई-सुरक्षा और काले धन के उपयोग रोकने पर भी सहमति व्यक्त की।

उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों को अपराध से लड़ने और अन्य अपारंपरिक खतरों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और सेमिनार के माध्यम से दोनों देशों की भागीदारी बढ़ाने पर भी सहमति जताई। दोनों ने मानव तस्करी रोकने और दोनों देशों में उभरते सुरक्षा खतरों के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का भी स्वागत किया। दोनों पक्षों ने सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए उच्च स्तरीय संवाद जारी रखने का फैसला किया।

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