- June 12, 2015
प्रसव के लिए आई गर्भवती महिला की मौत :: मलेशिया में मौत
फिरोजाबाद (विकासपालिवाल) – शिकोहाबाद के जिला संयुक्त राजकीय चिकित्सालय में प्रसव के लिए आई एक गर्भवती महिला की समय से उपचार न मिलने व लापरवाही बरतने पर मौत हो गई। इस पर परिवारीजनों व गांव से आई महिलाओं ने हंगामा कर दिया। सूचना पर एसडीएम चंद्रभानु सिंह व सीओ श्यामकांत पहुंच गये। जाम लगाने का प्रयास कर रहे ग्रामीणों को समझाया।
आज सुबह 11 बजे 102 एंबुलेंस से ग्राम चितावली निवासी पदम सिंह राठौर की पत्नी गंगाश्री (30)को आशा कार्यकत्री मिथलेश प्रसव के लिए अस्पताल में लाई थी। यहां पर कोई महिला चिकित्सक की नियुक्ति नहीं है। उस समय डयूटी पर स्टाफ नर्स नीलम थीं। आशा कार्यकत्री मिथलेश का आरोप है कि स्टाफ नर्स नीलम ने कहा कि शांम तक डिलीवरी होगी। इस बीच गंगाश्री का हीमोग्लोबीन व ब्लडप्रेशर तक चैक नहीं किया गया। वह प्रसव पीड़ा से कराहती रही। सवा दो बजे दाई गुडिया ने गंगाश्री के इंजेक्शन लगाया। इस पर उसकी हालत बिगडने लगी।
मिथलेश ने तब दूसरी दाई संतोष से कहा। लेकिन इस बीच गंगाश्री की मौत हो गई। इसके बाद परिवार की महिलाओं ने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। गांव में मौत की खबर पहुंचते ही बड़ी संख्या में महिलायें व पुरूष ट्रेक्टर से अस्पताल पहुंच गये। उन्होंने उपचार न देने व लापरवाही बरतने पर मौत होने से हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर एसडीएम चंद्रभानु सिंह व सीओ श्यामकांत मय पुलिस बल के पहुंच गये।
एसडीएम को आशा कार्यकत्री मिथलेस ने पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। सीएमएस डा. शिवकुमार व एसडीएम ने लोगों को समझाकर शांत किया। कुछ देर बाद पुरूष व महिलायें जाम लगाने के लिए स्टेशन रोड वाली सड़क पर पहुंच गये। आका्रेशित परिवारीजनों व महिलाओं जाम लगा दिया। अधिकारियों ने किसी तरह समझा बुझाकर उन्हें शांत किया और जाम लगाने से रोका। इसके बाद भी लोग डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। समाचार लिखे जाने तक हंगामा जारी था।
मलेशिया में मौत
फिरोजाबाद – जसराना के युवक की मलेषिया में नौकरी के दौरान हुए हादसे में मौत हो गई। सूचना जैसे ही घर पर आई पूरे परिवार मे कोहराम मच गया। परिवार के लोग अपने लाल के षव को हिन्दुस्तान लाने के लिये भारत सरकार के गृह मंत्रालय से सम्पर्क साधने में जुटे है। मूल रूप से जसराना के मुहल्ला जाटवान निवासी अध्यापक वीरेन्द्र पति भारतीय का सबसे छोटा पुत्र रोहित भारतीय मर्चेन्ट नेवी में मलेशिया में एक शिप पर नौकरी करता था।
एक वर्ष पहले ही लगी नौकरी पाकर राहित के साथ साथ पूरा परिवार खुश था। रोहित गुरूवार को भारतीय समय अनुसार पांच शिप पर कार्य कर रहा था कि अचानक एक बन्दरगाह पर शिप में लगी क्रेन से कुछ भारी सामान उतारा जा रहा था कि अचनाक रोहित का पैर फिसल गया जिससे रोहित के्रन में फंस गया क्रेन काफी दूर तक उसे घसीटती रही जिस कारण रोहित के दोनो पैर टूट गये। किसी तरह से रोहित को के्रन से निकालकर उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी हो रही थी उसी बीच उसने दम तोड़ दिया।
उसके साथ शिप पर काम करने बाला उसका साथी अनूप पाठक ने जब रोहित के घर पर उसके पिता को फोन करके रोहित के साथ हुए हादसे की जानकारी दी तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। रोने की आवाजो से मुहलले के लोग भी इकठठे हो गये। सूचना मिलते ही पिता अपने लाल के शव को वापिस लाने के लिये भारत सरकार गृह मंत्रलाय से सम्पर्क करने दिल्ली चले गये। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक रोहित का शव हिन्दुस्तान नही आ पाया था।