- August 22, 2016
पत्थरबाज आक्रमणकारी :- वित्त मंत्री जेटली
जम्मू ——(जी न्यूज)——-वित्त मंत्री जेटली -ने कहा की कश्मीर के लिये भाजपा सरकार के पास तीन प्राथमिकता है—
‘देश की सुरक्षा और अखंडता से समझौता नहीं होगा और हिंसा में शामिल लोगों से समझौता नहीं होगा।’
जम्मू-कश्मीर हिंसा और युद्ध का सामना कर चुका है अत: यहां विकास की जरूरत है जो पिछले 60 वर्षों से नेशनल कांफ्रेंस ओर कांग्रेस की सरकारों ने नहीं होने दिया।
जम्मू भाजपा का गढ़ है जिस पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है।’
विपक्षी दल अशांति का समाधान करने के लिए राजनीतिक समाधान खोजने और वार्ता करने का दबाव बना रहे हैं।
कश्मीर में 44 दिनों से चल रही अशांति के बारे में जेटली ने कहा, ‘अब इस समय एक गंभीर स्थिति उभरी है जिसमें पाकिस्तान, अलगाववादी और धार्मिक ताकतों ने हाथ मिलाया है और अब नये तरीके से वे भारत की अखंडता पर हमला कर रहे हैं।’
जेटली ने इसे ‘बड़ी चुनौती’ बताते हुए कहा, ‘आज इस स्थिति में देश की आवश्यकता है कि हम राष्ट्र की एकता और अखंडता से समझौता नहीं करें।’ उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहा कि ‘अलगाववादियों के खिलाफ संघर्ष’ में वह देश के साथ खड़े हों ताकि ‘पाकिस्तानी युद्ध के इस नए चरण को इस बार भी परास्त किया जा सके।’ उन्होंने पथराव करने वालों को आक्रमणकारी बताया।
उन्होंने कहा, ‘वे (पथराव करने वाले) सत्याग्रही नहीं हैं बल्कि आक्रमणकारी हैं। अगर किसी पुलिस चौकी में दस पुलिसकर्मी हैं और उस पर पथराव करने वाले दो हजार लोग हमला करते हैं तो यह हमला है लेकिन कुछ लोग इसे महसूस नहीं कर पाते।’
जेटली ने कहा कि दो युद्ध में हार का सामना करने के बाद पाकिस्तान को महसूस हुआ कि युद्ध के माध्यम से भारत से जम्मू-कश्मीर छीनना संभव नहीं है इसलिए उसने आतंकवादियों को प्रशिक्षण देना और यहां भेजना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन आतंकवादियों का खात्मा किए जाने के बाद उन्होंने नयी रणनीति अपना ली। जम्मू में 2008 में जब पहली बार अमरनाथ आंदोलन शुरू हुआ तो उन्होंने नया रास्ता अपनाया और पथराव शुरू हो गया।’
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ने कहा, ‘स्कूल जाने वाले बच्चों के बैग में किताब के बजाए पत्थर रखा जाने लगा ताकि वे पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बना सकें और सीमित दृष्टि वाले लोग केवल गिरफ्तार उपद्रवियों को देखने लगे लेकिन हजारों जख्मी पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को अस्पताल में पड़े वे नहीं देख सके।’
उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद कभी भी पाकिस्तान ने जम्मू..कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग नहीं माना।