- May 19, 2016
नीतीश ‘ मैं हूं न’ का वादा !! :- सुशील कुमार मोदी (नेता, बीजेपी विपक्ष)
विधान सभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने फिल्मी अंदाज में बिहार के लोगों को आश्वस्त किया था-‘ मैं हूं ना’। नारा उछाला था-‘ बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’। अब कह रहे हैं कि देश में तो नहीं, बिहार में अच्छे दिन आ गए हैं।
क्या नीतीश कुमार को एक बार आदित्य की मां और पत्रकार राजदेव रंजन की विधवा से बिहार में आए बहार और अच्छे दिन के बारे में नहीं पूछ लेना चाहिए ? अपराध नियंत्रण में बुरी तरह विफल रहने वाले मुख्यमंत्री क्या ध्यान भटकाने के लिए आरक्षण खत्म होने का शगूफा नहीं छोड़ रहे हैं?
मुख्यमंत्री बतायें कि अगर उनकी सरकार चेहरे देख कर कार्रवाई नहीं करती है तो फिर जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के घर से शराब मिलने के 24 घंटे बाद प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई ?
शराब की बरामदगी के समय ही उन्हें गिरफ्तार कर उनके मकान को सील क्यों नहीं किया गया? एमएलसी को फरार होने का मौका क्यों दिया गया? एमएलसी को भगाने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अब तक कौन सी कार्रवाई हुई है?
सीवान में पत्रकार हत्याकांड में ईंट भट्ठे से पकड़े गए उपेन्द्र सहित चार लोगों में से तीन जमानत पर कैसे छूट गए? हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार न कर उन्हें शराब पीने जैसी कमजोर धारा में क्यों पकड़ा गया? शहजाद आलम को पुलिस फिर से पकड़ने की कोशिश कर रही है तो दो दिन पहले उसे जमानत कैसे मिली ?
श्रीकांत भारती हत्याकांड के अभियुक्त उपेन्द्र सिंह ने जब स्वीकार कर लिया कि हत्या का निर्देश जेल से मिला था और पुलिस दावा कर रही है कि शूटर की पहचान हो गई है तो फिर नाम का खुलासा और गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है ?
मो. शहाबुद्दीन के करीबी माने जाने वाले परमात्मा राम, मुंशी मियां और उपेन्द्र सिंह के साथ ही उत्तर प्रदेश के शूटर चवन्नी सिंह के खुलासे पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? हाल में जेल से छूटा मो. शहाबुद्दीन का करीबी लद्दन मियां हत्या के दिन से ही फरार क्यों है?
मुख्यमंत्री बतायें कि क्या बहार केवल जदयू, कांग्रेस और राजद के दबंगों के लिए नहीं आया है ? क्या आपके ‘मैं हूं ना’ कहने के बावजूद बिहार की जनता अपराधियों के कहर को झेलने के लिए विवश नहीं है? क्या भाजपा शासित किसी राज्य में बीते छह महीने में एक दर्जन से ज्यादा विधायक आरोपित हुए हैं ?