- March 17, 2017
ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर नियंत्रण हेतु आवष्यक दिषा-निर्देष
नारायणपुर (छत्तीसगढ़)— छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम के तहत ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर नियंत्रण हेतु आवष्यक दिषा-निर्देष जारी कर सर्व संबंधित सक्षम प्राधिकारियों को परिपालन सुनिष्चित किये जाने का निर्देष दिया गया है। जिसके तहत अतिसंवेदनषील क्षेत्रों अस्पताल, षैक्षणिक संस्थाओं, न्यायालयों, वृद्धाश्रमों आदि से कम से कम 100 मीटर दूरी तक पटाखे नहीं फोड़े जायेंगे।
संस्थाओं से 100 मीटर की दूरी तक प्रेषर हार्न या म्यूजिकल हार्न या अन्य किसी भी प्रकार के साऊण्ड सिस्टम का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा तथा उक्त ईलाका षांत क्षेत्र (सायलेंस जोन) होगा। जिला दण्डाधिकारी अथवा अन्य सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के बगैर लाऊड स्पीकर या माईक सेट का उपयोग प्रतिबंधित है।
इस दिषा में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के मध्य ध्वनि विस्तारक यंत्र लाऊड स्पीकर, माईक सेट, ड्रम, टॉम-टॉम या ट्रमपैट बजाने अथवा ध्वनि उत्पन्न करने वाले अन्य किसी भी यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जायेगी।
लाऊड स्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर करने की दषा में निर्धारित मानकों का परिपालन करना अनिवार्य है। ऐसे स्थानों पर इन यंत्रों की ध्वनि सीमा संबन्धित क्षेत्र के परिवेषीय ध्वनि पैमाने से 10 डी.बी.(ए) या 75 डी.बी.(ए) से अधिक नहीं होना चाहिए।
आवासीय क्षेत्रों में रात 10 बजे से सुुुबह 6 बजे के बीच वाहनों के हार्न का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। निजी ध्वनि यंत्रों का उपयोग करने के दौरान उसकी सीमा संबंधित क्षेत्रों हेतु निर्धारित वायु गुणवत्ता सीमा से 5 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए।
सभी विकास एवं निर्माण एजेंसीज, स्थानीय निकाय-संस्थाओं और अन्य संबंधित विभागों द्वारा निर्माण गतिविधियों के दौरान ध्वनि प्रदूषण की निर्धारित सीमाओं का कड़़ाई से पालन किया जायेगा। वहीं ध्वनि प्रदूषण के रोकथाम तथा ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के नियंत्रण संबंधी जनजागरूकता हेतु सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा समन्वित पहल किया जायेगा।