• June 25, 2021

तनाव — देश के अतिक्रमण का जवाब देना और चीनी क्षेत्र पर किसी भी तरह के ख़तरों से निपटना है—चाओ लिजिआन

तनाव — देश के अतिक्रमण का जवाब देना और चीनी क्षेत्र पर किसी भी तरह के ख़तरों से निपटना है—चाओ लिजिआन

बीबीसी.हिंदी.कॉम – भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव में दो सबसे अहम मुद्दे हैं.

पहला सीमा पर सेना की लगातार आमने-सामने तैनाती और दूसरा चीन बड़ी संख्या में सेना की तैनाती नहीं करने के लिखित वादे पर कायम रहेगा या नहीं.

भारतीय विदेश मंत्री क़तर इकनॉमिक फोरम में बोल रहे थे. वहीं उनसे चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर सवाल पूछा गया था. एस जयशंकर की इसी टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय से बुधवार को सवाल पूछा गया तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बहुत कठोरता से जवाब दिया.

चीन का कठोर जवाब

ब्लूमबर्ग ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजिआन से पूछा, ”भारतीय विदेश मंत्री ने कहा है कि भारत के साथ लगी विवादित सीमा पर चीनी सैनिकों की तैनाती और चीन सीमा पर सेना घटाने के वादे को पूरा करेगा या नहीं; ये दोनों मुद्दे दोनों देशों के रिश्तों में अभी सबसे बड़ी चुनौती हैं. इस पर चीन का क्या कहना है?”

इस सवाल के जवाब में चाओ लिजिआन ने कहा, ”भारत-चीन सीमा से लगे पश्चिमी क्षेत्र में चीनी सैनिकों की तैनाती सामान्य रक्षा व्यवस्था है. इसका संबंधित देश के अतिक्रमण का जवाब देना और चीनी क्षेत्र पर किसी भी तरह के ख़तरों से निपटना है.”

”लंबे समय से भारत सरहद पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है और हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करता रहा है. भारत-चीन सीमा पर तनाव की असली वजह भी यही है. चीन हमेशा से सीमा विवाद को वार्ता के ज़रिए सुलझाने की वकालत करता रहा है और सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों से जोड़ने के भी हम ख़िलाफ़ रहे हैं.”

भारत-चीन सीमा विवादः लद्दाख में अब भी कई जगह आमने-सामने हैं सेनाए

तनाव अभी कम नहीं

दोनों देशों की टिप्पणी से पता चलता है कि तनाव अब भी जारी है और ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. सीमा पर विवाद सुलझाने के लिए सैन्य स्तर की बातचीत का भी कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है.

फ़रवरी महीने में पैंगोंग लेक से दोनों देशों के सैनिकों के वापस जाने के बाद ऐसा लगा रहा था कि धीरे-धीरे और भी विवादित इलाक़ों में दोनों देशों के बीच सहमति बन जाएगी. लेकिन अब भी लद्दाख के डेपसांग, डेमचोक, गोगरा और हॉट स्प्रिंग इलाक़े में स्थिति तनावपूर्ण है.

जयशंकर से पूछा गया कि चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत की सदस्यता वाले गुट क्वॉड की कोई भूमिका है? इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ”मेरा मानना है कि क्वॉड और चीन-भारत सीमा तनाव को साथ लाया जाता है तो लगता है कि हम सेव और संतरे की बात कर रहे हैं. मैं इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हूँ कि दोनों के बीच कोई संबंध है.”

‘क्वॉड का कॉमन एजेंडा है. इनमें समुद्र तटों की सुरक्षा, संपर्क और वैक्सीन को लेकर रणनीति शामिल हैं. चीन के साथ सीमा विवाद क्वॉड से पहले से है और इस चुनौती का क्वॉड से कोई संबंध नहीं है.”

एस जयशंकर ने कहा, ”दो अहम मुद्दे हैं. लद्दाख में सेना की आमने-सामने तैनाती अब भी जारी है. ये भी तय नहीं है कि चीन ने सीमा पर सेना की तैनाती नहीं बढ़ाने का जो लिखित वादा किया था, उसका पालन करेगा या नहीं. इन मुद्दों के आधार पर ही तय होगा कि हम पारस्परिक संवेदनशीलता, आदर और हितों के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाएंगे या नहीं.”

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