• February 13, 2015

टोल वसूली में विफल परियोजनाओं की पहचान – गडकरी

टोल वसूली में विफल परियोजनाओं की पहचान – गडकरी

नई दिल्ली  – केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश की सड़कों पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही के लिए सड़कों की स्थिति सुधारना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा की अगले तीन वर्षों में सड़कों पर ट्रक प्रतिदिन 600 किलोमीटर की यात्रा कर सकेंगे। श्री गडकरी इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित ऑटो क्षेत्र में सप्लाई चेन के 5वें लॉजिस्टिक सम्मेलन के उद्धाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि देश में टोल गेटों पर ई-टोल लगाए जाने से वाहनों की प्रतीक्षा अवधि कम होगी। उन्होंने कहा कि राज मार्ग परिवहन को यात्रियों के लिए सुगम बनाना प्राथमिकता है। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को सलाह दी कि वे 100 करोड़ रुपये तक की निवेश परियोजनाओं की पहचान करें। इन परियोजनाओं में यह देखें की क्या लागत वसूली कर ली गई है या की जाने वाली है या परियोजना अब चलाने लायक नहीं रह गई है।

उन्होंने बताया कि अब तक 74 सार्वजनिक धन से बने टोलों की पहचान की गई है। इनमें से 61 को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीपीपी के तहत 100 करोड़ रुपये से कम की परियोजनाओं की पहचान की जा रही है और ऐसे सभी टोल प्लाजा को ठेकेदारी से जुड़े दायित्वों को निपटाकर इन्हें बंद करने के रास्ते तलाशे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार 1988 के मोटर वाहन कानून में बदलाव पर सोच रही है और इस संबंध में नवाचारी कदमों वाला एक विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा। गुणवत्ता के साथ सड़क निर्माण पर लागत कम करने पर जोर देते हुए श्री गडकरी ने कहा की सरकार सीमेंट-कंक्रीट सड़के बनाने को प्राथमिकता दे रही है क्योंकि ऐसी सड़कों के रखरखाव में लागत कम आती है। उन्होंने बताया कि नई सरकार ने ऐसी अनेक सड़क परियोजनाओं को शुरू किया है जो रुकी पड़ी थीं।

देश में सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं का मूल कारण अनेक स्थानों पर सड़कों की दोषपूर्ण डिजाइनिंग है। सरकार इस पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ढाबा, विश्रामकक्ष और शौचालय जैसी सुविधाओं के साथ ट्रक टर्मिनल और ट्रक क्लब बनाने की योजना बना रही है।

सम्मेलन में मौजूद उद्योगपतियों से सड़क परिवहन मंत्री ने देश में जल मार्गों को विकसित करने के लिए निवेश करने को कहा। जल मार्ग से आवाजाही रेल और सड़क की तुलना में सस्ती होगी।उन्होंने इथनोल, बायोडीजल, बायोगैस और बायोसीएनजी जैसे वैक्लपिक ईधनों के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि इससे प्रदूषण कम होगा और तेल आयात पर खर्च में बचत होगी।

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