• September 29, 2016

जेल प्रमुखों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन

जेल प्रमुखों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन

गृह मंत्रालय (पेसूका)———- केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर जेल सुधार पर आयोजित होने वाले राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन का कल उद्घाटन करेंगे। यह दो दिवसीय सम्मेलन पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

यह सम्मेलन राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों मे दंडात्मक प्रशासन पर विचारों का आदान-प्रदान करने और एक दूसरे के अनुभवों से सीखने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच प्रदान करेगा। साथ ही यह सम्मेलन सभी राज्यों को अपनी श्रेष्टतम कार्यप्रणाली और नवाचार को प्रदर्शित करने का बेहतरीन अवसर भी देगा। इस अवसर पर देश के प्रमुख जेल प्रशासक जेल प्रशासन से जुड़ी नीतियों और इस क्षेत्र मे सुधार को लेकर उपाय सुझाएगें।

इस दो दिवसीय सम्मेलन मे राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। पहली बार केन्द्रीय और जिला जेलों के जेल अधीक्षकों को भी अपने विचार और अनुभवों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। साथ ही प्रमुख विश्वविद्यालयों,एनजीओ के प्रतिनिधि और विधि एवं अपराध विज्ञान के छात्र भी पहली बार इस सम्मेलन मे हिस्सा लेंगे।

उम्मीद है कि इस सम्मेलन मे 125 से भी ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। जिनमें वरिष्ठ जेल अधिकारी, जेल अधीक्षक, एनजीओ, शिक्षाविद, और छात्र शामिल हैं। इन सब की मौजूदगी से न केवल जेल सुधारों पर गहन चर्चा होगी बल्कि कैदियों की आवश्यकताओं को समझने, जेल सेवा मे सुधार, पुनर्वास उपायों और मानव अधिकारों का पालन करने के लिहाज से नया दृष्टीकोण अपनाने मे भी मदद मिलेगी।

इस सम्मेलन मे कैदियों के पुनर्वास, जेलों के लिए तकनीक, जेल सुरक्षा, और कृषि और उद्योग के विशेष संदर्भ में जेलों मे सर्वोत्तम कार्यविधि पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। साथ ही सम्मेलन मे खुली परिचर्चा भी होगी जिस मे राज्यों के विचार और नई चुनौतियों पर चर्चा के बाद सिफारिशों को अंतिम रूप दिया जायेगा।

30 सितंबर 2016 को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम समापन भाषण देगी। इसी दिन दोपहर बाद प्रतिनिधि तिहाड़ जेल का भी दौरा करेंगे। जेल व्यवस्था की सर्वोत्तम कार्य प्रणाली को देखने के लिए दिल्ली का तिहाड़ जेल देश का सबसे बड़ा जेल परिसर है।

इस अवसर पर एक संग्रह भी जारी होगा इस संग्रह मे विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के जेल प्रबंधन की बेहतर कार्यविधियों को संग्रहित किया गया है। इस से सभी अधिकारियों को जेल व्यवस्था मे सुधार को लेकर प्रेरणा मिलेगी। साथ ही जेल सेवा मे सुधार के लिए एक रोड मेप तैयार करने के मकसद से पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो द्वारा प्रायोजित उच्चतम न्यायलय के आदेशों और अनुसंधान अध्ययन को भी संकलित किया गया है।

गृह मंत्रालय ने दण्डात्मक प्रशासन से संबधित कामकाज पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो को सौंपा है। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो का मुख्य कार्य जेल प्रशासन को प्रभावित करने वाली समस्याओं का अध्ययन और इस क्षेत्र मे अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। साथ ही पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो राज्य सरकारों और शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर कई अनुसंधान और प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी आयोजित करता है। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो अब तक जेल कामकाज से जुड़ी 5 अखिल भारतीय बैठकों का आयोजन कर चुका है।

जेल सुधार पर राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों का पहला सम्मेलन मार्च 2014 मे आयोजित किया गया था जिसमें बदलते परिदृश्य मे जेल सुधारों से जुडी चुनौतियों और देश मे जेल प्रशासन मे व्याप्त समस्याओं की पहचान की दिशा मे विचार-विमर्श किया गया था। इस के बाद 2008, 2010 और 2013 मे भी जेल प्रशासन मे सुधार को लेकर सम्मेलन आयोजित किये जा चुके है।

पिछले चार सम्मेलनों मे जेल प्रशिक्षण को बढावा, जेल आधुनिकीकरण, पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो द्वारा तैयार मॉडल जेल मैन्युअल को लागू करने की स्थिति, जेलों पर राष्ट्रीय नीति के प्रारूप की सिफारिशें, कैदियों की बढ़ती संख्या, जेल स्टॉफ का पेशवर विकास, जेल कानून को लागू करना, जेलों मे सार्वजनिक-निजी भागीदारी, जेलों मे मानव संसाधन प्रबंधन, जेलों और कैदियो का वर्गीकरण और जेल प्रबंधन मे अनुसंधान और विकास को लेकर चर्चा हुई थी।

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