खेती के लिए ब्याज मुक्त अल्पकालीन ऋण

खेती के लिए ब्याज मुक्त अल्पकालीन ऋण

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय में आयोजित केबिनेट की बैठक में किसानों के व्यापक हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अनुसार अब राज्य के किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से खेती के लिए ब्याज मुक्त अल्पकालीन ऋण सुविधा के रूप में 60 प्रतिशत राशि नगद और 40 प्रतिशत राशि वस्तु (खाद, बीज आदि) के रूप में दी जाएगी।

बैठक के बाद राजस्व मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश की एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में सदस्य के रूप में शामिल 24 लाख 88 हजार 575 किसान इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि इन समितियों में वर्ष 2012 से किसानों को मिल रहे अल्पकालीन कृषि ऋणों में 50 प्रतिशत नगद और 50 प्रतिशत वस्तु के रूप में दिया जा रहा था। किसानों को 50 प्रतिशत सामग्री का अनुपात होने के कारण कुछ व्यावहारिक दिक्कतें हो रही थी।

श्री पाण्डेय ने बताया कि किसानों की व्यावहारिक कठिनाईयों पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने संवेदनशीलता के साथ विचार करने के बाद इस प्रावधान को संशोधित करने का निर्णय लिया। अब किसानों को खेती के लिए 60 प्रतिशत नगद और 40 प्रतिशत वस्तु के रूप में ऋण सुविधा मिलेगी। मंत्रिपरिषद के इस निर्णय का स्वागत करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनकी मंत्रिपरिषद के प्रति आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक विपदा पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज की बैठक में सहायता राशि में भारी वृद्धि करने का निर्णय भी रमन सरकार की लोक हितैषी नीति और संवेदनशील दृष्टिकोण का परिचायक है। इसी कड़ी में किसानों के हित में अल्पकालीन फसल ऋण के वर्तमान प्रावधान को संशोधित करने के उनके फैसले से किसानों में प्रसन्नता देखी जा रही है।

श्री बजाज ने बताया कि राज्य की कृषि साख सहकारी समितियों में 24 लाख 88 हजार 575 सदस्य किसान हैं। उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी किए जा रहे हैं। चालू वर्ष 2015-16 में अब तक दस हजार 991 किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं और उन्हें 52 करोड़ 30 लाख रूपए की साख सीमा स्वीकृत की गई, जबकि इन्हें मिलाकर समितियों में योजना प्रारंभ से अब तक क्रेडिट कार्ड धारकों की संख्या 20 लाख से अधिक हो गई है और उन्हें 754 करोड़ रूपए से ज्यादा साख सीमा मंजूर की जा चुकी है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि तीन माह के भीतर समितियों के शत-प्रतिशत सदस्य किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी कर दिए जाएं।

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