खेती-किसानी में छत्तीसगढ़ आदर्श राज्य :- डॉ. रमन सिंह

खेती-किसानी में छत्तीसगढ़  आदर्श राज्य :- डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ ———————————— मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास के मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश के लिए एक आदर्श राज्य (मॉडल स्टेट) बन सकता है। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों के लिए अलग-अलग कार्य योजना तैयार कर उस पर अमल करना होगा। मुख्यमंत्री आज यहां पुलिस अधिकारी मैस के सभाकक्ष में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए गठित स्थायी कार्य समूहों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। यह बैठक राज्य योजना आयोग द्वारा आयोजित की गई।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मोबाइल और स्मार्ट फोन का उपयोग खेती-किसानी के आधुनिक तौर-तरीकों और तकनीक की जानकारी  और महत्वपूर्ण सूचनाओं को खेतों में काम कर रहे किसानों तक पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। यह जानकारी किसानांे के लिए और भी अधिक उपयोगी हो सकती है, यदि हम गोंडी, हल्वी, भतरी और सरगुजिहा जैसी स्थानीय बोली में किसानों तक यह जानकारी पहुंचाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोेजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में काम करने वाले मजदूर भी मोबाईल और स्मार्ट फोन का उपयोग कर रहे है। छत्तीसगढ़ में मोबाईल उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 90 लाख है, आने वाले समय में यह संख्या और भी अधिक बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा – प्रदेश में बड़ी संख्या में महिला स्व सहायता समूह गठित किए गए है और यह समूह विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इन महिला स्व सहायता समूहों का उपयोग किसानों तक खेती-किसानी के आधुनिक तौर-तरीकों की जानकारी पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को प्रदेश में सफल बनाने में ये समूह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरगुजा अंचल में लीची और फलों की खेती, बस्तर अंचल में लघु वनोपजों, मसालों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य-योजना तैयारी की जानी चाहिए। इसी तरह रायपुर, दुर्ग और भिलाई जैसे मैदानी क्षेत्रों में कृषि के विकास के लिए अलग कार्य-योजना तैयार करनी होगी।

प्रदेश के सात जिले जहां कम वर्षा होती है, वहां के लिए अलग कार्य-योजना तैयार करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे वनांचलों में लघु वनोपजों की पैदावार बढ़ाने के लिए मोहलाइन पत्ता, तेन्दूपत्ता, चार और चिराैंजी जैसी वनोपजों की अच्छी प्रजातियों के पौधे बड़ी संख्या में टिश्यू कल्चर के माध्यम से तैयार कर वनों में रोपे जा सकते हैं। इससे आने वाले समय में वनवासियों की आमदनी बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा जिले के आदिवासी किसानों द्वारा किए जा रहे ‘मोचो बाड़ी’ के सफल प्रयोग की जानकारी देते हुए बताया कि दंतेवाड़ा के किसान द्वारा उत्पादित आर्गेनिक चावल और फलों का बाजार छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में उपलब्ध है। उन्होंने किसानों तक सूचनाएं पहुंचाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और वहां पढ़े लिखे लोगों के वॉटअप ग्रुप तैयार करने का सुझाव भी दिया। मुख्यमंत्री ने पद्श्री सम्मान प्राप्त श्रीमती फूलबासन यादव द्वारा महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियान में जनजागरूकता के लिए महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से किए गए कार्यों की जानकारी दी।

 राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुनिल कुमार ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को खुशहाल बनाने के लिए वर्ष 2022 तक किसानांे की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में आपके बहुमूल्य सुझाव महत्वपूर्ण होंगे। योजना आयोग के अंतर्गत गठित की गई टास्क फोर्स के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश मारोठिया ने बैठक का संचालन किया। प्रो. मारोठिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ अकेला ऐसा राज्य है जहां कृषि क्षेत्र के विकास के लिए इतनी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों का सहयोग लिया जा रहा है। 

बैठक में विभिन्न कार्य समूह के अध्यक्षों ने प्रदेश में फसलों, उद्यानिकी, मछली पालन, पशुपालन, दुग्ध प्रौद्योगिकी तथा अन्य संबंधित क्षेत्र, शिक्षा, शोध एवं विकास गतिविधियों में परिवर्तन, मिट्टी परीक्षण में आधुनिक तकनीक के प्रयोग, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव, कृषि विस्तार प्रबंधन प्रणाली में सुधार, कृषि आधारित व्यवसाय के संस्थागत प्रबंधन और उत्पादों की मूल्य वृद्धि प्रणाली, कृषि-वानिकी, लघु वनोपज, जैव विविधता एवं वन पारिस्थितिकी, सतही व भू-जल के बेहतर प्रबंधन और उपयोग, जल-भूमि संरक्षण और प्रबंधन और स्थानीय स्व-वित्त पोषित संस्थाओं के कृषि और संबंद्ध क्षेत्रों के विकास में योगदान आदि के संबंध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

कृषि और संबंद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए गठित टास्कफोर्स के अंतर्गत सात स्थायी कार्य समूह गठित किए गए हैं। इन कार्य समूहों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के शोध संस्थानों, विश्वविद्यालयीन, अशासकीय संस्थानों, किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों को सम्मलित किया गया है।

राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुनिल कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंह और टास्क फोर्स के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश मरोठिया, योजना आयोग की सदस्य पद्मश्री सम्मान प्राप्त श्रीमती फूलबासन यादव सहित योजना आयोग के सदस्य और विभिन्न कार्य समूहों के अध्यक्ष तथा संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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