- November 27, 2022
क्यों न उस पर न्यायाधीश की “निन्दा” करने के लिए आपराधिक अवमानना का मुकदमा चलाया जाए
सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश को “आतंकवादी” कहने वाले एक मुकदमे पर नाराजगी जताई और रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह उसे कारण बताओ नोटिस जारी करे कि क्यों न उस पर न्यायाधीश की “निन्दा” करने के लिए आपराधिक अवमानना का मुकदमा चलाया जाए।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों को निंदनीय करार देते हुए कहा, “आपको कुछ महीनों के लिए जेल के अंदर भेजा जाना चाहिए, तब आपको एहसास होगा।”
पीठ ने उस व्यक्ति को फटकार लगाते हुए कहा, “आप सुप्रीम कोर्ट के एक जज के खिलाफ यूं ही कोई आरोप नहीं लगा सकते।”
शीर्ष अदालत लंबित सेवा मामले में जल्द सुनवाई की मांग करने वाले व्यक्ति द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश एक वकील ने फाइल देखने के बाद पीठ को बताया कि उसने याचिकाकर्ता से इस तरह के बयान देने के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था।
उस व्यक्ति ने कहा, “मैं अपनी माफी मांगता हूं,” जब उसने आवेदन दायर किया था, तब वह “जबरदस्त मानसिक आघात” से गुजर रहा था।