- June 14, 2023
आधार कार्ड या मोबाइल नंबर के आधार पर गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों वंचित नहीं किया जा सकता है
अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों को आगाह किया कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले लाभों को समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को इस आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता है कि उनके पास आधार कार्ड या मोबाइल नंबर नहीं है।
जयपुर जिले के दानागडी ब्लॉक में बच्चों के गंभीर कुपोषण से संबंधित एक जनहित याचिका अदालत के समक्ष दायर की गई थी, जिसने पीडीएस और एनएफएसए के गैर-कवरेज को नोटिस किया था।
न्यायालय की टिप्पणियां:
अदालत ने कहा कि यह एक तथ्य है कि देश में अभी भी कई गरीब और कमजोर लोग हैं जिनके पास आधार कार्ड या मोबाइल नंबर नहीं है और इन लोगों को उन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से बाहर नहीं किया जा सकता है जो लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं। समाज के सबसे गरीब और कमजोर वर्गों की जरूरतें।
अदालत ने पीडीएस या एनएफएसए से कुछ कमजोर लोगों के बाहर होने का संदेह करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इन योजनाओं का कवरेज हर साल उत्तरोत्तर बढ़ाया जाए जो तभी हो सकता है जब ऐसी व्यवस्था हो जो ‘समावेश’ को प्रोत्साहित करे। ‘बहिष्कार’ के बजाय।
कोर्ट का फैसला:
अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि आधार कार्ड या मोबाइल नंबर न होने के आधार पर समाज के कमजोर और गरीब वर्गों को लाभार्थियों की सूची से बाहर नहीं किया जा सकता है।
केस का शीर्षक: मंटू दास बनाम भारत संघ व अन्य।
कोरम: माननीय श्री मुख्य न्यायाधीश जी. सतपथी
केस नंबर: डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 12966 ऑफ 2023
आवेदक की ओर से अधिवक्ता: श्री अफराज सुहैल
प्रतिवादी के वकील: श्री पी.के. परही, श्री डी.आर. भोक्ता, श्री देबकांत मोहंती