अपना घर नहीं पराया घर – छापे से खुली पोल पट्टी

अपना घर नहीं पराया घर – छापे से खुली पोल पट्टी

देहरादून ——–: राजधानी में गैर सरकारी बाल गृहों में न्याय किशोर अधिनियम के नियमों की जमकर धज्जिया उड़ाई जा रही हैं।

अपना घर एनजीओ पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने छापा मारा तो यह हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई।

राज्यमंत्री रेखा आर्य सोशल ऑडिट के लिए गठित जाच कमेटी के सदस्यों के साथ जोगीवाला स्थित अपना घर एनजीओ में आकस्मिक निरीक्षण को पहुंचीं। इसमें पाया गया कि तीन से 11 वर्ष के बच्चों को महिलाओं के साथ रखा गया था, जबकि जेजे एक्ट में स्पष्ट नियम है कि बच्चों को महिलाओं के साथ नहीं रखा जा सकता।

कमरों में दरवाजे भी नहीं लगे मिले, जिसे बच्चों व महिलाओं की सुरक्षा दृष्टि से बेहद गंभीर बताया गया। तमाम खामियों पर बिफरीं राज्यमंत्री आर्य ने जब संचालक से एनजीओ के रजिस्ट्रेशन दस्तावेज मंगाए तो पाया कि एनजीओ सालों से बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था।

राज्यमंत्री ने जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा को भी मौके पर बुला रिपोर्ट तैयार करने को कहा। इस पर राज्यमंत्री ने एनजीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही।

निरीक्षण के दौरान एसडीएम मनुज गोयल भी मौजूद रहे। टीम में जाच कमेटी के सदस्य ज्ञानेंद्र समेत कई अन्य शामिल रहे। मामले में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष की ओर से नेहरू कॉलोनी थाने में तहरीर दी गई है। इंस्पेक्टर राजेश शाह ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

मंत्री के सामने रो पड़ी महिला

निरीक्षण के दौरान जब राज्य मंत्री रेखा आर्य ने महिलाओं से पूछताछ की तो एक महिला रोने लगी। उसने रुंधे गले से बताया कि उन्हें भरपेट खाना नहीं दिया जाता है। खाना मांगने पर उनसे मारपीट तक की जाती है। और तो और कपड़े धोने के साबुन से ही सभी महिलाएं व बच्चे स्नान करने को मजबूर हैं। स्वच्छता के बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती। शौचालय की व्यवस्था भी बदतर मिली।

छापेमारी के दौरान मंत्री ने पाया कि परिसर में कई बाहरी लोगों का भी आना-जाना है, जो लड़कियों और महिलाओं के लिए सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुष स्टाफ ज्यादा मिला।

18 बच्चे, 10 संवासिनियां शिफ्ट

राज्यमंत्री के आदेश पर एनजीओ में रह रहे 18 बच्चों व 10 संवासिनियों (18 साल से अधिक) को अन्य गृहों में देर रात शिफ्ट कर दिया गया। बच्चों को बाल वनिता आश्रम, शिशु निकेतन व अन्य बाल गृहों तथा संवासिनियों को नारी निकेतन व अन्य एनजीओ में भेज दिया गया है।

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, उत्तराखंड रेखा आर्य के प्रदेश में स्थित अन्य संस्थाओं का भी नियमित निरीक्षण किया जाएगा। किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।

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