• September 7, 2018

अधिगृहीत भूमि लौटाने के लिए एक नीति तैयार करने का निर्णय

अधिगृहीत भूमि लौटाने के लिए एक नीति तैयार करने का निर्णय

चंडीगढ़—— हरियाणा सरकार ने अधिगृहीत भूमि को डि-नोटिफाई करने में पारदर्शिता और स्थिरता बनाए रखने तथा ऐसे डि-नोटिफिकेशन की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनस्र्थापन (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 2017 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार की धारा 101 ए के प्रावधानों के तहत अप्रयुक्त भूमि लौटाने के लिए एक नीति तैयार करने का निर्णय लिया है।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

यह नीति भू-मालिकों को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनस्र्थापन अधिनियम, 2013 (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 2017 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार की धारा 101 ए के प्रावधानों के तहत भूमि को डि-नोटिफाई करने, अप्रयुक्त भूमि लौटाने तथा अन्य गतिविधियों के लिए प्रक्रिया उपलब्ध करवाएगी।

इस नीति का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों पर अव्यावहारिक या गैर-जरूरी होने पर, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के तहत अधिगृहीत भूमि को डि-नोटिफाई करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करना है।

यदि अधिग्रहण करने वाले विभाग का मानना है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 (1894 का अधिनियम संख्या 1) के तहत अधिगृहीत भूमि उस सार्वजनिक उद्देश्य,जिसके लिए यह अधिगृहीत की गई है, के लिए अव्यावहारिक या गैर-जरूरी है और यह कि इस भूमि को अधिग्रहण से मुक्त किया जाना चाहिए, तो उसे अपनी राय के बारे में सरकार को सूचित करना होगा और प्रावधानों के अनुसार आगामी कार्यवाही से पहले सरकार की स्वीकृति लेनी होगी।

अधिग्रहण करने वाले विभाग की राय की जांच करते समय, गठित जिला स्तरीय उप-समिति इन मुद्दों पर विचार करेगी कि क्या अधिगृहीत भूमि अव्यावहारिक या गैर-जरूरी भूमि है, भूमि के अधिग्रहण के कारण उन्हें हुई हानि, यदि कोई हो, के लिए भूमि मालिकों को मुआवजा, यदि कोई है, की सीमा तथा अधिगृहीत भूमि के आंशिक उपयोग के मामले में या अधिगृहीत भूमि या इसके भाग पर अथवा समक्ष हुए किसी ऋणभार के मामले में, क्षति के भुगतान के साथ वैकल्पिक भूमि उपलब्ध करवाकर मुआवजे की सीमा।

मूल मालिक या मालिक या उनके कानूनी वारिस भूमि का कब्जा लेने से पहले, उन्हें अदा किए गये सोलेटियम को छोडक़र, उनके द्वारा मुआवजा प्राप्त करने की तिथि से मुआवजा लौटाने की तिथि तक जमा राशि पर देय साधारण ब्याज के साथ पदनामित खाते में मुआवजा जमा करवाएंगे।

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