- December 16, 2016
हुड्डा के गढ में भाजपाई गद्गद
झज्जर। हुड्डा के गढ कहे जाने वाले झज्जर जिले के तीन विधानसभाओं में भाजपा ने शानदार रैलियां करके अपनी पकड़ तो मजबूत की है साथ ही ताकत भी दिखाई है। भीड़ के लिहाज से एक के बाद एक बड़ी रैलियों से भाजपा नेता उत्साहित हैं जबकि विपक्षियों के पसीने निकले हैं। उनकी जुबान पर भी इन सफल रैलियों की खूब चर्चा है।
बादली की मोटा जोटा रैली तो इस कदर जुबान पर चढी है कि लोग कह रहे हैं कि धनखड़ ने तोड़ बैठा दिया। अब आने वाली 25 दिसंबर को खुद हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र कलोई-सांपला में भाजपा की विधानसभा रैली है, जिसके लिए भी भाजपाई जुट गए हैं।
रोहतक को हुड्डा का गढ माना जाता है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा अक्सर रही है।
विधानसभा चुनाव में झज्जर और रोहतक में भाजपा के तीन विधायकों की जीत के बाद भाजपा का विश्वास भी बढ़ा। मुख्यमंत्री की विधानसभावार रैली करने की कड़ी में झज्जर जिले के बहादुरगढ में तो कुछ समय पूर्व एक सफल रैली हो गई थी।
झज्जर के बेरी, बादली और झज्जर विधानसभा में एक के बाद एक करके एक महीने में तीन रैलियां की हैं। तीनों ही रैलियों की सफलता से भाजपा उत्साहित है। पहली रैली नवंबर में बेरी में आयोजित की गई। जिसके संयोजक विक्रम कादयान थे। बेरी के स्कूल मैदान में आयोजित रैली की सफलता से उत्साहित मुख्यमंत्री ने बेरी की कन्या महाविद्यालय की मांग पूरी करके सफलता पर मुहर लगा दी।
बेरी के बाद भाजपा की बादली रैली 4 दिसंबर को थी। इस रैली का नाम मोटा जोटा रखा गया। नाम के अनुरूप जहां भीड़ ने मोटा जोटा मारा, वहीं मुख्यमंत्री ने भी बादली को देने में मोटा जोटा दोबारा मारा।
बादली की रैली के चर्चे तो दूर तक हुए। जहां भीड़ ने कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के कद को मोटा जोटा मारा, वहीं मंच पर पहुंचे बड़े नेताओं ने भी धनखड़ की पीठ ठोंकी। इस जबरदस्त रैली से विपक्षियों के पसीने छूटना स्वाभाविक था। बादली में अनेक परियोजनाओं के कारण यहां विकास और तेजी से होगा।
झज्जर विधानसभा आरक्षित विस है। इस रैली पर भी लोगों की नजरें लगी थी। ठेठ ग्रामीण क्षेत्र मातनहेल में भाजपा ने रैली करने का साहस दिखाया। शहर में रैली को कामयाब करना आसान था, मगर भाजपा ने स्वयं अपने लिए चुनौती रखी। इस रैली के मद्देनजर भी कृषि मंत्री गांव-गांव पहुंचे और लोगों को न्यौता दिया।
रैली के लिए जहां बिजेंद्र दलाल के नेतृत्व वाली कोर्डिनेशन कमेटी बनाई। वहीं इस कमेटी के सदस्यों ने भी खूब काम किया। इसी के चलते मातनहेल रैली भी अभूतपूर्व तरीके से सफल रही। चूंकि यह विस आरक्षित रहा है। इसलिए इस रैली के मंच पर लगी 30 कुर्सियों में से 12 इसी वर्ग के समाज के लोगों के लिए थी।
मंच पर रैली में प्रदेश के मंत्री कृष्ण बेदी के अलावा नायब सैनी, राव नरबीर सिंह भी मौजूद थे। अनुसूचित वर्ग के पदाधिकारी रहे रामअवतार वाल्मिकी के अलावा पूर्व मंत्री कांता देवी, पूर्व विधायक दरियाव सिंह राजौरा, धर्मेंद्र डॉ बबलू, सुनीता चौहान, रायसिंह सहित अन्य भी मंच से संबोधन करने वालों में शामिल रहे।
बेरी, बादली और मातनहेल ठेठ ग्रामीण परिवेश में आते हैं। इन क्षेत्रों में भाजपा ने तीन शानदार रैलियों से अपने वर्चस्व को बढाया है। इस संबंध में कृषि मंत्री ओपी धनखड़ कहते हैं कि भाजपा की पहुंच हर शहर और हर गांव तक है। भाजपा गरीब व किसान मजदूर वर्ग के साथ अन्य वर्गों की पार्टी है।
पिछले दो साल में पार्टी ने संगठनात्मक रूप से भी मजबूती पाई है। सरकार की दृष्टि से सबका साथ-सबका विकास का केवल नारा नहीं दिया, बल्कि हर हलके में पहुंच कर करोड़ों की सौगात के साथ इसे चरितार्थ किया है। धनखड़ का यह भी कहना है कि जनता ने जो विश्वास दिखाया है और रैलियों को अपार सफलता दी है उसके लिए वे जनता व सभी वर्करों के आभारी हैं।
बहरहाल, तीन सफल रैलियों से भाजपा ने विपक्षियों की नींद उड़ा दी है। भाजपा अपने इस वर्चस्व को बढाने का प्रयास करेगी। सरकार की नीतियों केा घर-घर तक पहुंचाने का काम भी वर्कर कर रहे हैं।
मीडिया एडवाइजर ,
कृषि एवं पंचायत मंत्री, हरियाणा।
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