सर्वेक्षण -देश के छोटे राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान–पीएआई-2017

सर्वेक्षण -देश के छोटे राज्यों  की श्रेणी में प्रथम स्थान–पीएआई-2017

शिमला (सू०ब्यूरो)———–हिमाचल प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ शासन के लिए सार्वजनिक मामले सूचकांक (पीएआई)-2017 पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर देश के छोटे राज्यों (दो करोड़ से कम आबादी वाले) की श्रेणी में प्रथम स्थान पर आंका गया है।

पब्लिक अफेयर सेंटर द्वारा यह सर्वेक्षण भारत के समूचे राज्यों में शासन की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिये किया गया है और यह सेंटर एक गैर-राजनीतिक व गैर-लाभकारी प्रबुद्ध संस्था है, जो वर्ष 1994 में स्थापित की गई थी।

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पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री एम.एन. वेंकटाचलईया ,लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन. संतोष हेगड़े द्वारा प्रशासनिक सुधार की सचिव श्रीमती पूर्णिमा चौहान पुरुस्कृत ,

हि.प्र. प्रशासनिक सुधार की सचिव श्रीमती पूर्णिमा चौहान ने हिमाचल प्रदेश की ओर से यह पुस्कार प्राप्त किया। भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री एम.एन. वेंकटाचलईया व पब्लिक अफेयर सेंटर के अध्यक्ष एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन. संतोष हेगड़े ने बैंगलुरू में आयोजित कार्यक्रम में यह पुरस्कार प्रदान किया।

कार्यकारी मुख्य सचिव श्री तरूण श्रीधर और श्रीमती पूर्णिमा चौहान ने मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह को आज यहां यह पुरस्कार सौंपा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर कल्याण, स्वास्थ्य व शिक्षा में किए गए प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने इस पुरस्कार का श्रेय राज्य सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों तथा कर्मचारियों को दिया, जिन्होंने शासन के क्षेत्र में अपेक्षित उद्देश्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरस्कार वास्तव में हमारे शांतिपूर्ण राज्य में नागरिक केन्द्रित तथा उत्तरदायी प्रशासन के स्तर को दर्शाता है।

पीएआई एक डाटा चालित मंच है, ने 26 फोकस विषयों, 82 सूचकों तथा 10 विषयों के आधार पर शासन के लिए देश के 30 राज्यों का मूल्यांकन किया, जिसमें सांस्कृतिक, सामाजिक तथा राजनीतिक तौर पर विविध क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रत्येक पहलू को शामिल कर इसका आंकलन किया गया।

वर्ष 2017 में पीएआई ने असमानता पर एक नये अध्ययन को शामिल कर इसका बारीकी से आंकलन किया है, और हिमाचल प्रदेश को इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ राज्य आंका है। यहां पर सामाजिक असमानता को लेकर भेदभाव नहीं है।

स्वास्थ्य, शिक्षा तथा समावेशी विकास के सूचक जीवन के लिये बुनियादी आवश्यकताओं के अनुरूप काफी बेहतर पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है, जहां असामनता सूचक न के बराबर पाए गए।

श्री तरूण श्रीधर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने सक्रिय नागरिक सहयोग, प्रभावी प्रशासनिक उपाय तथा राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ सार्वजनिक उद्देश्यों में सतत प्रयासों के फलस्वरूप 12 छोटे राज्यों में सर्वाधिक अंक अर्जित किए हैं।

उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि प्रदेश भौगोलिक परिस्थितियों, जलवायु विषमताओं तथा बिखरी आबादी के बावजूद समग्र विकास का आदर्श बन कर उभरा है।

उन्होंने कहा कि पब्लिक अफेयर सेंटर का दल निकट भविष्य में सामाजिक-आर्थिक, राजनीतिक तथा जबावदेही सूचकों का अध्ययन करने के लिए प्रदेश का दौरा करेगा।

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