• March 30, 2016

सड़क हादसों पर शीर्ष अदालत का दिशा निर्देश

सड़क हादसों पर शीर्ष अदालत  का दिशा निर्देश

-इन गाइडलाइंस के मुताबिक, सड़क हादसों पर पुलिस को बुलाने पर या रिपोर्ट दर्ज कराने वाले प्रत्यक्षदर्शी को अपना नाम बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। संपर्क की जानकारी (कॉन्टैक्ट इन्फॉर्मेशन) के लिए भी उससे जबर्दस्ती नहीं की जा सकती।1

-प्रत्यक्षदर्शी को लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रियाओं से बचाने के लिए पुलिस को एकमात्र सत्र की इजाजत होगी, वह भी तब जब प्रत्यक्षदर्शी अपना नाम स्वतः बता दे।

-अगर प्रत्यक्ष रूप से पेशी में समस्या हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिग की सहूलियत भी दी जाएगी।

-अगर कोई डॉक्टर सड़क हादसे के पीड़ित का इलाज करने से इनकार करता है तो वह पेशेवर रूप से दुर्व्यवहार (प्रोफेश्नल मिस्कंडक्ट) का दोषी होगा।

-सभी अस्पतालों को अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा में यह लिखना होगा कि जो भी शख्स किसी घायल व्यक्ति को अस्पताल लेकर आएगा उसे रोका नहीं जाएगा और न ही उससे किसी तरह की धनराशि ली जाएगी।

-जो भी अस्पताल इन गाइडलाइंस का पालन नहीं करेगा उसपर राज्य सरकार द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा।

Related post

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

गृह मंत्रालय PIB Delhi——–  राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर साइबर अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारियों,…
90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य पार्टियों की ओर से कोई बड़ी शिकायत लंबित नहीं है…
अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

वासुदेव डेण्डोर (उदयपुर)———– देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज़ के वोटिंग प्रक्रिया भी समाप्त हो…

Leave a Reply