• December 21, 2018

ऑल इंडिया फूड प्राॅसेसर्स एसोसिएशन — प्लैटिनम जुबली

ऑल इंडिया फूड प्राॅसेसर्स एसोसिएशन — प्लैटिनम जुबली

नई दिल्ली –(सुनील मालवीय)——ऑल इंडिया फूड प्राॅसेसर्स एसोसिएशन (AIFPA) ने 1943 में गठन से अब तक 75 वर्षों का शानदार सफर पूरा करने के बाद अपना प्लैटिनम जुबली कान्फ्रेंस (पीजेसी) का आयोजन किया है। एसोसिएशन भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की सेवा में समर्पित रहा है। आयोजन का उद्घाटन माननीय राष्ट्रपति डाॅ. राम नाथ कोविन्द प्रातः 11.00 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया।

ऑल इंडिया फूड प्राॅसेसर एसोसिएशन (एआईएफपीए) के प्लैटिनम जुबली कान्फ्रेंस —– माननीय राष्ट्रपति डाॅ. राम नाथ कोविन्द,केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर,खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती साध्वी निरंजन ज्योति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा

भारत सरकार में माननीया खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल भी अपनी उपस्थित से इस सम्मेलन की गरिमा बढ़ाई। उद्घाटन सत्र के बाद दिसंबर 20 और 21 के दौरान 5 तकनीकी सत्र होंगे।

सम्मेलन में पूरे देश से केंद्र एवं राज्य सरकार के निकायों, खाद्य व्यववसाय परिचालकों, खाद्य प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट संस्थानों, शोध एवं विकास संस्थानों, ताजा एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के आयातकों और निर्यातकों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विशिष्ट प्रतिनिधि आएंगे।

प्रत्येक सत्र में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े सरकार के प्रमुख अधिकारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद होंगे। प्रत्येक सत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से आए 6 पैनलिस्ट होंगे। प्रत्येक सत्र का संचालन उसके अध्यक्ष करेंगे जो सेमिनार के थीम में विशेषज्ञता रखते हैं।

सम्मेलन में मुख्यतः भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की समस्याओं, विकास की रणनीतियों, नीति नियोजन एवं तकनीकी पक्ष जैसे अहम् मुद्दों पर विमर्श किए जाएंगे।

ऑल इंडिया फूड प्रोसेसर एसोसिएशन ;एआईएफपीएद्ध के अध्यक्ष डॉ सुबोध जिंदल ने कहाए ‘‘एआईएफपीए देश में खाद्य प्रसंस्करण के संवर्धन के लिए समर्पित है। इस उद्देश्य से यह सक्षम तकनीकियों, अभिनव प्रयोगों, नए उत्पादों के विकास, उद्यमशीलता, कानूनों एवं नियमों के अनुकूलन को बढ़ावा देता है। इसका मिशन कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार और जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों का संरक्षण है। साथ ही, प्राकृतिक उत्पादों के पूर्ण सदुपयोग और मूल्यवर्द्धन, उपभोक्ताओं को पोषण युक्त खाद्य सामग्रियां उपलब्ध कराने पर जोर देता है। एआईएफपीए का लक्ष्य भारत को खाद्य उद्योग का विश्व प्रमुख बाजार बनाना है और अंतिम रूप से किसानों, महिलाओं को शक्तिशाली बनाना और रोजगार सृजन करना है।’’

इन सत्रों के लिए निर्धारित शीर्षक हैं:

(i) भारत की सम्पन्न खाद्य विरासत (ii) खाद्य आपूर्ति शंखला एवं चुनौतियां (iii) अनुकूल नियामक परिवेश (iv) खाद्य तकनीकियों में अभिनव प्रयोग (v) प्रास्ंकृत खाद्य उत्पादों के लिए क्षमता में सुधार एवं लागत में कमी। प्रत्येक तकनीकी सत्र की गतिविधियों का ‘इंडियन फूड पैक’ में प्रकाशन होगा जो एआईएफपीए की द्विमासिक पत्रिका है और इनके सुझाव संबद्ध प्राधिकरण को अग्रसारित कर दिए जाएंगे।

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