- April 4, 2017
नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में योजनाओं में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी: डॉ. रमन सिंह
रायपुर (छत्तीसगढ)———– मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों को राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित जिलों में विकास योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा है कि इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज रात लोक सुराज अभियान के तीसरे चरण के प्रथम दिवस पर राज्य के अंतिम छोर के जिला मुख्यालय सुकमा में अधिकारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा-शांतिपूर्ण विकास के जरिए इस इलाके की तस्वीर बदलना हम सबका लक्ष्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा-जनता को सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, सिंचाई और स्वास्थ्य जैसी हर प्रकार की बुनियादी सेवा और सुविधा दिलाना शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी है। डॉ. सिंह ने इस बात पर खुशी जताई कि सुकमा जिले में दंतेवाड़ा की तर्ज पर एजुकेशन सिटी का निर्माण किया गया है और दोरनापाल के पास शबरी नदी में 500 मीटर लम्बे पुल का निर्माण भी पूरा हो गया है।
डॉ. सिंह ने केन्द्र और राज्य सरकार की नवीन योजनाओं का उल्लेख करते हुए सभी अधिकारियों को नये वित्तीय वर्ष 2017-18 में हर योजना के जिला स्तरीय लक्ष्य को गंभीरता से पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सुकमा जिले में इस वर्ष के लिए एक हजार मकानों के लक्ष्य को तीन गुना बढ़ाकर तीन हजार करने का भी निर्णय लिया।
उन्होंने कहा – आवास विहीन गरीब परिवारों को पक्के मकान दिलाने के लिए यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजना है। नक्सल पीड़ित परिवारों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाया जाए।
डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों से कहा-सुकमा जिले में आगामी सोलह महीनों के भीतर पंद्रह हजार से बीस हजार परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ दिलाया जाए। उन्होंने इसके लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए और कहा कि राज्य में मात्र 200 रूपए के पंजीयन शुल्क पर इस योजना में महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, डबल बर्नर चूल्हा और पहला भरा हुआ सिलेण्डर मुफ्त दिया जा रहा है। सुकमा जिले में भी अधिक से अधिक गरीब परिवारों को इसका फायदा मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने रसोई गैस सिलेण्डर वितरण के लिए सुकमा जिले में सुरक्षा बलों के कैम्प के नजदीक वितरण केन्द्र बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा-उज्ज्वला योजना में रसोई गैस कनेक्शन और सिलेण्डर आदि वितरण का दायित्व सौंपने में प्राथमिक सहकारी समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी।
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में दूर-दराज के 50स्थानों पर रसोई गैस वितरण केन्द्र खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 से लगे सभी प्रमुख शहरों में रसोई गैस वितरण केन्द्र खोलने के भी निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने सिंचाई सुविधाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शबरी नदी के किनारे किसानों के समूह बनाकर उन्हें सौर सुजला योजना के तहत आकर्षक सरकारी अनुदान पर सोलर सिंचाई पम्प दिए जाएं।
उन्होंने सुकमा जिले में इस वर्ष के लिए सौर सुजला योजना में 150 का लक्ष्य अधिकारियों को दिया। युवाओं के कौशल उन्नयन और उन्हें रोजगार तथा स्वरोजगार से जोड़ने के लिए आईटीआई तथा लाईवलीहुड कॉलेज की गतिविधियों की भी समीक्षा आज की बैठक में की गई।
डॉ. सिंह ने कहा-इस जिले में डेयरी, पोल्ट्री फार्म, खेती, उद्यानिकी और शबरी नदी में मछली पालन के लिए भी अच्छी संभावनाएं हैं। युवाओं को इन व्यवसायों से जोड़ने का भी प्रयास किया जाए। उन्होंने गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मौसमी बीमारियों से समय पूर्व बचाव की रणनीति बनाने और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पीने के साफ पानी की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए।
डॉ. रमन सिंह ने बैठक में जिला अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियेां को आश्रम शालाओं और छात्रावासों तथा पोटाकेबिन स्कूलों में बच्चों के लिए मच्छरदानी सहित बिजली, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं का ध्यान रखने की भी हिदायत दी। डॉ. सिंह ने कहा-इन संस्थाओं में बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाए।
बैठक में स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री और जिले के प्रभारी श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, गृह विभाग के प्रमुख सचिव श्री बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम सहित सभी संबंधित विभागों के राज्य, जिला और संभाग स्तरीय अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।