• April 9, 2015

आपदा राहत कोष : 33 प्रतिशत खराबी पर किसानों को राहत

आपदा राहत कोष :  33 प्रतिशत खराबी पर किसानों को  राहत

जयपुर -प्रदेश में पिछले दिनों हुई बेमौसम बरसात एवं ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों को हुए नुकसान पर उन्हें आपदा राहत कोष से और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए निरन्तर प्रयासों के फलस्वरूप केन्द्र सरकार ने आपदा राहत कोष के मानदंडों में संशोधन किया है। संशोधन के फलस्वरूप अब 50 प्रतिशत के स्थान पर 33 प्रतिशत फसल खराबे पर ही किसानों को राहत प्रदान की जाएगी।

आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के लगातार प्रयासों से किसानों को इतनी कम अवधि में बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि 50-60 वर्षों में पहली बार ऐसा संशोधन होना बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण देश के लिए हुए इस संशोधन का श्रेय राजस्थान राज्य को जाता है। उन्होंने इस संशोधन के लिए सदन के माध्यम से प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री का आभार जताया।

श्री कटारिया ने बताया कि नए मानदंडों के तहत फरवरी एवं मार्च, 2015 में हुए फसलों को नुकसान को भी समाहित किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिन किसानों को 50 प्रतिशत खराबे के आधार पर मुआवजा दिया जा चुका है उसकी नए मानदंडों के अनुसार भरपाई की जाएगी। उन्होंने संशोधनों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने स्तर पर मानव क्षति के मामले में मुआवजे को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया था। नए मानदंडों के आधार पर अब मानव क्षति पर 4 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।

कृषि असिंचित अनुदान जो पहले 4500 रुपए प्रति हैक्टेयर दिया जाता था, अब 6800 रुपए प्रति हैक्टेयर दिया जाएगा। सिंचित क्षेत्र का अनुदान अब 9000 के स्थान पर 13500 रुपए प्रति हैक्टेयर किया गया है। इसी प्रकार डीजल पंपों से सिंचाई क्षेत्र के लिए अब 12000 के स्थान पर 18000 रुपए प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले लघु एवं सीमान्त किसानों को ही अधिकतम दो हैक्टेयर तक मदद दी जाती थी, अब सभी किसानों को अधिकतम दो हैक्टेयर तक मदद दी जाएगी।

श्री कटारिया ने कहा कि पहले 40 से 80 प्रतिशत शारीरिक क्षति पर 43 हजार 500 रुपए की मदद दी जाती थी, अब 40 से 60 प्रतिशत शारीरिक क्षति पर 59 हजार 100 रुपए की मदद दी जाएगी। इसी प्रकार पहले 80 प्रतिशत से अधिक शारीरिक क्षति होने पर 62 हजार रुपए दिए जाते थे, अब 60 प्रतिशत से अधिक शारीरिक क्षति पर दो लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले जीवन यापन के लिए वयस्क को 40 एवं अवयस्क को 30 रुपए दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब क्रमश: 60 एवं 45 रुपए कर दिया गया है।

आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री ने बताया कि पहले बड़े दुधारू पशुओं की क्षति पर अधिकतम एक पशु के लिए 16 हजार 400 रुपए दिए जाते थे, जिसे बढ़ाते हुए अब अधिकतम 3 पशुओं के लिए 30 हजार रुपए प्रति पशु किया गया है। इसी प्रकार छोटे दुधारू पशुओं को पहले अधिकतम 4 पशु तक 1650 रुपए दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब अधिकतम 30 पशुओं के लिए 3000 रुपए प्रति पशु किया गया है।

अन्य बड़े जानवरों की राहत को भी बढ़ाते हुए 15 हजार से 25 हजार प्रति पशु किया गया है और इनकी सीमा भी अधिकतम 3 की गई है। साथ ही अन्य छोटे पशु की क्षति पर 10 हजार के स्थान पर अब अधिकतम 6 पशुओं तक 16 हजार रुपए प्रति पशु की सहायता दी जाएगी।

श्री कटारिया ने बताया कि गोशालाओं के अनुदान में भी बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि बड़े पशुओं के लिए 50 रुपए एवं छोटे पशुओं के लिए 25 रुपए प्रतिदिन अनुदान को बढ़ाते हुए क्रमश: 70 एवं 35 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि संशोधन में कच्चे और पक्के मकान के अंतर को खत्म कर दिया गया है। पहले पक्के मकान के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर 70 हजार रुपए की सहायता दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 95 हजार 100 रुपए कर दिया गया है।

कच्चे मकान के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर दी जाने वाली 17 हजार 600 रुपए की सहायता को भी बढ़ाकर 95 हजार 100 रुपए कर दिया गया है। साथ ही पक्के मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर मिलने वाली 3800 रुपए की सहायता को बढ़ाकर 5200 रुपए एवं कच्चे मकान की सहायता को 2300 रुपए से बढ़ाकर 3200 रुपए किया गया है।

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