स्टार्ट-अप इंडिया—1500 उद्यमी -प्रतिभागी

स्टार्ट-अप इंडिया—1500 उद्यमी -प्रतिभागी

माई.गाव————– भारत का स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम उद्यमिता और इनोवेशन को बढ़ावा देने की एक व्यापक कार्य
योजना है।

उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुद्रा योजना शुरू की गयी है।

बच्चों के बीच नवाचार एवं उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘अटल इनोवेशन मिशन’ के
तहत 900 से अधिक स्कूलों में टिंकरिंग लैब्स खोले हैं। नया भारत के निर्माण और परिवर्तन में युवा उद्यमी वाहक और सहायक की भूमिका निभा रहे हैं।

‘वुमेन फर्स्ट, प्राॅस्पेरिटी फाॅर आॅल’ विषय पर आयोजित यह शिखर सम्मेलन ज्ञान व विकास साझा करने का एक बेहतरीन अवसर था; विशेष रूप से महिला उद्यमियों के लिए जो पुरुष समकक्षों के मुकाबले ज्यादा संख्या में थीं।

इवांका ट्रम्प ने क्या कहा ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लाए गए व्यापक परिवर्तन अनुकरणीय हैं। एक आम पृष्ठभूमि से
भारत के प्रधानमंत्री के पद तक का उनका सफर बेहद प्रेरक है। पहली बार इस समारोह में भागीदारी के लिए चुने गए 1500 उद्यमियों में से महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है।

डाॅक्टर व वैज्ञानिक से लेकर इंजीनियर और आर्किटेक्ट तक हर क्षेत्र में भारतीय आगे बढ़ कर
काम कर रहे हैं। जीवन-रक्षक तकनीक और आश्चर्यजनक आधुनिक खोज ही नहीं बल्कि
चंद्रमा व मंगल ग्रह तक पहुंचने में भी भारतीय अपनी विलक्षण प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन (जीईएस) से विश्व पटल पर छाया नया भारत
दक्षिण एशिया में पहली बार आयोजित वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन (जीईएस) भारत के स्टार्ट-अप शहर हैदराबाद में संपन्न हुआ।

वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन 2017 न केवल वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद का एक प्रमाण था बल्कि वैश्विक उद्यमी समुदाय को ‘मेक इन इंडिया’ में निवेश हेतु प्रेरित करने का एक असाधारण कदम भी था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश नीति पर विशेष ध्यान देने तथा उनके निरंतर राजनयिक प्रयास सरहनीय है.
प्रधानमंत्री ने क्या कहा ?
डिजिटल क्षेत्र————–
हम जनभागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजिटल क्षेत्र का प्रयोग कर रहे हैं। जब हमने मई
2014 में सरकार का कार्यभार संभाला था तब, अधिकांश लोग विशेष रुप से युवा लोगों ने अपने विचार साझा करने के लिए और देश के लिए काम करने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की थी। यह हमारा पूर्ण विश्वास है कि ऐसे लाखों भारतीय हैं जिनके रूप परिवर्तनकारी एवं नवाचारी विचार भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सफल होंगे।

हमने नागरिक सहभागिता पोर्टल डलळवअ शुरु किया। यह प्लेटफाॅर्म महत्वपूर्ण विषयों पर देश के नागरिकों को अपने विचार और मत साझा करने का अवसर प्रदान करता है। हमने अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इस प्लेटफाॅर्म से मूल्यवान सुझावों को प्राप्त किए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में उमंग (Unified Mobile Application for New & age Governance) मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया जो एक ही प्लेटफाॅर्म पर सभी सरकारी सेवाओं की सुविधा प्रदान करता है। यह ऐप डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और सरकार तक नागरिकों की आसान पहुंच बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का एक और उदाहरण है।

आधार, डिजिलाॅकर, भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) जैसी सेवाओं तक पहुंच की सुविधा
उमंग ऐप पर 1200 से अधिक विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंच की सुविधा ईपीएफओ सेवा के साथ-साथ नए पैन के आवेदन की भी सुविधा 13 भारतीय भाषाओं में समर्थित और मांग पर उपलब्ध 33 विभागों और चार राज्यों के 162 से अधिक सेवाओं तक पहुंच की सुविधा एंड्राॅइड, आईओएस और विंडोज डिवाइस पर उपलब्ध साइबरस्पेस पर यह सबसे बड़ा सम्मेलन था। भारत में आयोजित जीसीसीएस सम्मेलन की थीम ‘‘सभी के लिए साइबरः सतत विकास के लिए सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस’’ थी।

इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय नीति निर्धारक, उद्योग विशेषज्ञ, विचारक तथा साइबर विशेषज्ञों ने साइबर स्पेस से संबंधित विषयों और इसकी चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वैश्विक साइबर चुनौती यानी पीस-ए-थाॅन के विजेताओं को सम्मानित किया।

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