• January 19, 2016

सुरजेवाला ने कैथल को रसातल में पहुंचाया –

सुरजेवाला ने कैथल  को रसातल में पहुंचाया –
कैथल 19  जनवरी (राजकुमार अग्रवाल )। कैथल के भोले-भाले लोगों का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल करके राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचे रणदीप सुरजेवाला ने इस क्षेत्र की हमेशा ही अनदेखी की है। कैथल को औद्योगिक व सामाजिक रूप से पिछाडऩे व रसातल में पहुंचाने के लिए रणदीप सुरजेवाला सीधे रूप से जिम्मेदार हैं।KAITHAL1
यह दावा राष्ट्रीय लोक स्वराज पार्टी के संस्थापक एवं पूर्व आई.जी. रणवीर शर्मा, पुरूष प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष राकेश चौहान, महिला प्रकोष्ठ की प्रधान श्वेता कुमारी, किसान सैल के प्रधान त्रिलोचन सिंह ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में किया। शर्मा ने कैथल जिले के लिए पार्टी के पदाधिकारियों की घोषणा करने के बाद कहा कि कैथल जिला हमेशा से ही हरियाणा की राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है। खुद को इस क्षेत्र का प्रतिनिधि कहने वाले शमशेर सिंह सुरजेवाला तथा अब उनके पुत्र रणदीप सुरजेवाला ने कैथल समेत पूरे हरियाणा के किसानो के हितों से खिलवाड़ करके अपनी राजनीति चमकाई है लेकिन आजतक किसानों के हित में कोई कदम नहीं उठाया। आज भी कैथल समेत पूरे प्रदेश के किसान अपने हितों की लड़ाई खुद लड़ रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि शमशेर सुरजेवाला व रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के नाम अपनी राजनीति चमकाई लेकिन कभी भी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करवाने की दिशा में काम नहीं किया। दस वर्ष तक सत्ता में रहे रणदीप सुरजेवाला इस क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग स्थापित करवाने और औद्योगिक हब बनवाने में असफल रहे हैं। परिणाम स्वरूप कैथल हलके के नौजवान आज भी बेरोजगारी का शिकार हैं। लोकस्वराज पार्टी की रणनीति के मुद्दे पर बोलते हुए रणबीर शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी ने देशभर में पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों को संवैधानिक अधिकार दिलवाकर जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही तय करने की मांग को लेकर अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देश के प्रत्येक नागरिक की साशन-प्रशासन के संचालन में भागेदारी को सुनिश्चित करवाना चाहती है।
शर्मा ने कहा कि जब तक पंचायत व नगर निकाय प्रतिनिधियों को संवैधानिक अधिकार देकर जनप्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह नहीं बनाया जाएगा तब तक वास्तविक रूप से लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता। जिसके चलते आरएलपी ने पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है। जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही व पारदर्शिता को अनिवार्य किए जाने की मांग करते हुए उन्होंने जनता को कॉल बैक का अधिकार दिए जाने की मांग उठाई। पूर्व आई.जी. ने कहा कि जब तक पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों को संविधान के 73 वें संशोधन के अनुसार अधिकार प्रदान नहीं किए जाएंगे व नौकरशाहों को पीआर एक्ट की धारा-51-सी के तहत डीसी को कार्रवाई से नहीं रोका जाएगा तब तक वास्तविक रूप से पंचायती राज संस्थाएं मजबूत नहीं होंगी।
आरएलपी द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दे
–पंचायत/निकाय प्रतिनिधियों को संवैधानिक अधिकार देकर सत्ता का विकेंद्रीकरण किया जाए।
–पंचायतों/निकायों के फैसलों को कानूनी मान्यता मिले।
–जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही को पारदर्शिता से लागू किया जाए।
–साशन संचालन में आम नागरिक की प्रत्यक्ष भागेदारी।
–देश के विभिन्न प्रदेशों की सरकारें युवाओं को रोजगार की गारंटी प्रदान करे।
–किसानों के लिए कृषि को लाभकारी बनाया जाए।
–देश के सभी राज्यों में चलती-फिरती लोक अदालतों का गठन किया जाए।
–जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही को पारदर्शिता से लागू किया जाए और जो प्रतिनिधि इससे पीछे हटें उन्हें कॉलबैक का अधिकार जनता को दिया जाए।

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