• October 8, 2016

संभाल नहीं सकते तो सत्ता में रहने का अधिकार नहीं- कलकत्ता हाईकोर्ट

संभाल नहीं सकते तो सत्ता में रहने का अधिकार नहीं- कलकत्ता हाईकोर्ट

मुहर्रम के कारण विसर्जन पर रोक को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य को जमकर लताड़ा
संभाल नहीं सकते तो सत्ता में रहने का अधिकार नहीं
रात तक होगा विसर्जन
कोर्ट ने सरकार से पूछा
इतने बड़े पूजा को तजिया के लिए क्यों रोका जा रहा है
अगर 15 अगस्त को ईद पड़े तो क्या रेड रोड की परेड रोक दी जायेगी

कोलकाता :(युवा शक्ति.काम) बंगाल के गौरव के रूप में स्थापित दुर्गा पूजा को लेकर भी राज्य सरकार द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति पर करारा प्रहार करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार को जमकर लताड़ लगायी है। दरअसल दशमी के दिन ही मुहर्रम का त्यौहार है। इस दिन शाम को मुस्लिम समुदाय तजिया निकालता है. इसे देखते हुये कोलकाता पुलिस ने एक सर्कुलेशन जारी करते हुये कहा था कि दशमी के दिन शाम 4 बजे के बाद मूर्ति विसर्जन नहीं किया जायेगा।di

पुलिस के इस नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुये हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करवायी गयी थी जिसपर गुरुवार को न्यायाधीश दीपंकर दत्ता की अदालत में सुनवायी हुई। इस दौरान राज्य सरकार के वकील अभ्रतोष मजुमदार को फटकार लगाते हुए पूछा कि किस आधार सरकार ने दशमी के दिन पूजा विसर्जन पर रोक लगायी है। आखिर तजिया को सुबह से निकालने का निर्देश क्यों नहीं दिया जाता।

मुहर्म के कारम विसर्जन नींहोा क्या मतलब है। न्यायाधीश के इन तीखे सवालों से निरुत्तर हुये वकील ने कहा कि सरकार के पास शांति सुनिश्‍चित करने के लिए यही विकल्प बचा है। इसपर पुनः सवालों की बौछार करते हुये न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार लोगों के आयोजनों को समान्य तरीके से सम्पन्न करवाने के वजाय उनपर रोक लगायेगी तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

इलाहाबाद का उदाहरण देते हुये न्यायाधीश ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा ताजिया इलाहाबाद में निकाला जाता है। वहां दशहरा को लेकर तजिये को एक दिन बाद निकाला जाता है. बंगाल में दुर्गापूजा का इतना महत्व है फिर भी यहां सरकार का ऐसा रवैया चौकाने वाला है।

न्यायाधीश ने साफ किया कि दशमी के दिन के लिए पुलिस ने जो निर्देशिका दी है वह मान्य नहीं होगा. इस दिन रात तक लोग आराम से विसर्जन कर सकते हैं और पुलिस को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना होगा.

Related post

VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज  : सुप्रीम कोर्ट

VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ…
किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

फूलदेव पटेल–(मुजफ्फरपुर)—-“हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है. खेतों में सिंचाई…
लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 के दूसरे चरण में प्रदेश के छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में शुक्रवार, 26 अप्रैल…

Leave a Reply