वॉटर टूरिज्‍म के लिये 15 वॉटर बॉडीज अधिसूचित

वॉटर टूरिज्‍म के लिये  15 वॉटर बॉडीज अधिसूचित

भोपाल : (आरबी त्रिपाठी)—–प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश संवर्धन के उद्देश्‍य से विभिन्‍न स्‍थानों पर किये जाने वाले रोड-शो एवं इंवेस्‍टर्स मीट की श्रंखला की शुरूआत भोपाल से हुई। निवेशकों को प्रदेश की नई पर्यटन नीति और पर्यटन में निवेश की संभावनाओं और सहूलियतों से अवगत करवाने के मकसद से अगले दो माह में 7 और स्‍थानों पर रोड शो और इंवेस्‍टर्स मीट आयोजित किये जायेंगे।

इंवेस्‍टर्स मीट में बताया गया कि 16 प्रकार के टूरिज्‍म प्रोजेक्‍ट के लिये भूमि आवंटित की जा रही है। लगभग 477 हेक्‍टेयर का लैण्‍ड बैंक बनाया गया है। तकरीबन 19 यूनिट को 24 करोड़ का पूँजीगत अनुदान मुहैया करवाया गया है। वॉटर टूरिज्‍म को बढ़ावा देने के मकसद से 15 वॉटर बॉडीज अधिसूचित की गई है। लैण्‍ड अलोकेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया गया है।

भोपाल में प्रथम रोड शो एवं इंवेस्‍टर्स मीट का शुभारंभ करते हुए राज्‍य पर्यटन विकास निगम के अध्‍यक्ष श्री तपन भौमिक ने कहा कि राज्‍य शासन ने प्रदेश में निवेशकों के अनुकूल और निवेशक मित्र पर्यटन नीति लागू की है। उन्‍होंने निवेशकों से आग्रह किया है कि वे उदार नीति का लाभ उठाकर पर्यटन निवेश में निवेश के लिये आगे आएँ।

श्री भौमिक ने प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जल-पर्यटन क्षेत्र में हाउस बोट, क्रूज और अन्‍य वॉटर स्‍पोर्ट्स गतिविधियों की शुरूआत की पहल की गई है।

पर्यटन सचिव एवं टूरिज्‍म बोर्ड के एम.डी. श्री हरि रंजन राव ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र आज रोजगार सृजन का प्रमुख जरिया बन गया है। श्री राव ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में 10 लाख रुपए के निवेश पर लगभग 78 जॉब क्रिएशन होते हैं जो कि अन्‍य क्षेत्रों से ज्‍यादा है।

उन्‍होंने बताया कि प्रदेश के हिल स्‍टेशन पचमढ़ी में पर्यटन की एक दर्जन से अधिक होटलें और रिसॉर्ट हैं जो सदैव फुल रहती हैं। स्‍पष्‍ट है कि प्रदेश में होटल और हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में अत्‍यधिक संभावनाएँ हैं। इसके लिये निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है।

टूरिज्‍म बोर्ड के निवेश संवर्धन संचालक श्री ए.के.राजोरिया ने अपने प्रेजेंटेशन में नई पर्यटन नीति, वॉटर टूरिज्‍म पॉलिसी, हेरिटेज होटल्‍स के विकास, मार्ग सुविधा केन्‍द्रों के संचालन में निजी क्षेत्र की भा‍गीदारी और होम-स्‍टे योजना सहित नई पर्यटन नीति के प्रमुख बिन्‍दुओं से अवगत करवाया।

उन्‍होंने बताया कि आगामी 2020 तक प्रदेश में 19 हजार से अधिक कक्षों की जरूरत का आकलन किया गया है। स्‍पष्‍ट है कि होटल और हॉस्पिटेलिटी में निजी क्षेत्र के लिये बेहतर अवसर मौजूद हैं। अगले एक दशक में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार और पूंजीगत निवेश में लगभग 10 गुना इजाफा होने की संभावना है।

प्रेजेंटेशन में नवगठित टूरिज्‍म बोर्ड के उद्देश्‍यों, कार्यप्रणाली, निवेश संवर्धन सेल, लैण्‍ड बैंक, तृतीय जल-महोत्‍सव हनुवंतिया के आयोजन सहित टूरिज्‍म सेक्‍टर में नए पोटेंशियल, रोड-मैप और भविष्‍य की संभावनाओं पर भी उपयोगी जानकारी दी गई।

प्रारंभ में सी.आई.आई. के अध्‍यक्ष श्री के.एस.नंदा, श्री प्रदीप एवं श्री राजेश अग्रवाल ने अतिथियों का स्‍वागत किया। प्रश्‍नोत्‍तर सत्र में उपस्थित प्रतिभागियों और निवेशकों के जिज्ञासापूर्ण प्रश्‍नों के समाधानकारी उत्‍तर दिये भी गये।

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