• September 19, 2018

भीड़ (मॉब लिंचिंग) को उकसाने का प्रयास करने वाले को न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत कठोरतम दण्ड देने का प्रावधान —उच्चतम न्यायालय

भीड़ (मॉब लिंचिंग) को उकसाने का प्रयास करने वाले को न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत कठोरतम दण्ड देने का प्रावधान —उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय द्वारा मॉब लिंचिंग की घटनाओं के संबंध में दिये गये दिशा-निर्देशों के मद्देनजर मध्यप्रदेश में भी ऐसी घटनाओं को भारतीय दण्ड विधान संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता में अपराध माना जायेगा। संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस द्वारा नियमित रूप से पेट्रोलिंग प्रारंभ कर दी गई है।

भीड़ को उकसाने का प्रयास करने वाले को न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत कठोरतम दण्ड देने का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय ने मॉब लिंचिंग के बारे में तहसीन एस. पूनावाला विरुद्ध भारत सरकार एवं अन्य की सुनवाई करते हुए मॉब लिंचिंग और हिंसा को रोकने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

रोकथाम, शीघ्र निराकरण के लिये जिलों में एस.पी. होंगे नोडल अधिकारी

शासन-प्रशासन द्वारा मॉब लिंचिंग के प्रकरणों का शीघ्र-अतिशीघ्र निराकरण के लिये प्रत्येक जिले में पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनकी सहायता के लिये जिले का एक उप पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी होगा, जो अपने जिले में मॉब वॉयलेंस/मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने और उन पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिये उत्तरदायी होगा। उप पुलिस अधीक्षक नोडल अधिकारी के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के साथ मॉब लिंचिंग रोकने के लिये कठोर कार्यवाही करेंगे।

नफरत फैलाने वाले संदेशों पर नजर रखेगा टॉस्क-फोर्स

सोशल, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, किसी व्यक्ति अथवा समूह द्वारा किसी भी प्रकार का भ्रामक संदेश, वीडियो, अफवाह आदि फैलाने पर संबंधितों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-153-ए अथवा अन्य धाराओं में कठोर वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिये नोडल अधिकारी टॉस्क-फोर्स गठित करेगा, जो उकसाने वाले समाचार, भाषण, अफवाह, सोशल साइट्स कमेंट आदि पर नजर रखेगा। जिले के प्रत्येक अधिकारी एवं थाना प्रभारी को सतत निगाह रखते हुए प्रभावी सूचना संकलन के लिये निर्देशित किया गया है।

भीड़ द्वारा हिंसा पर होगा प्रभावी बल प्रयोग

अफवाहों को लेकर भीड़ द्वारा हिंसा करने की सूचना अथवा हिंसा करने की प्रवृत्ति वाली गैर-कानूनी भीड़ पर हिंसात्मक घटनाओं को रोकने के लिये आवश्यकतानुसार प्रभावी बल का प्रयोग किया जायेगा। गैर-कानूनी जमाव पर धारा-129 अथवा अन्य वैधानिक प्रावधानों में कठोर कार्रवाई की जायेगी।

पुलिस वेबसाइट पर अपलोड हैं निर्देश

मॉब लिंचिंग की घटनाओं की रोकथाम और आम नागरिकों की जानकारी में लाने के लिये सभी निर्देश मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किये गये हैं। मॉब लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ितों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाने की कार्यवाही भी की जा रही है।

Related post

VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज  : सुप्रीम कोर्ट

VVPAT पर्चियों के 100% सत्यापन की याचिका खारिज : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ…
किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

फूलदेव पटेल–(मुजफ्फरपुर)—-“हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है. खेतों में सिंचाई…
लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 के दूसरे चरण में प्रदेश के छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में शुक्रवार, 26 अप्रैल…

Leave a Reply