बिहार

अभी बाकी है ‘हर घर शौचालय’ का लक्ष्य

अजमेरी ख़ानम (गया) — इस  वर्ष सितंबर माह में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से बताया गया
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धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी : मुख्यमंत्री महोदय का पत्र सलग्न :

रमाकांत उपाध्याय (आरा )—– प्रार्थी के जमीन के साथ हुई कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी, जालसाजी व विरोधियों के द्वारा
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खेलों में भी किशोरियों की समुचित भागीदारी होनी चाहिए

अमृता कुमारी(पटना)—–खेल समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इससे शारीरिक और मानसिक विकास के साथ अनुशासन और टीम भावना का विकास
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विकास की दौड़ में पीछे छूटते दिव्यांग

शगुन कुमारी (पटना)—-आज के समय में छोटी से छोटी गलियां, मोहल्ले, गांव और शहर विकसित हो रहे हैं. इसके लिए
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बुनियादी सुविधाओं से पीछे क्यों रह जाती हैं स्लम बस्तियां?

बंदना कुमारी (पटना)——“आज भी हमलोग को यहां पीने का पानी भरने के लिए सुबह सुबह नल पर लाइन लगाना पड़ता
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कृषि के प्रति नई पीढ़ी का रुझान क्यों घटने लगा है ?

गीता देवी (गया)–आशा के अनुरूप इस बार के केंद्रीय बजट 2024-25 में भी कृषि और किसानों का विशेष ध्यान रखते
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स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

ईशा कुमारी (पटना)——-देश को स्वच्छ बनाने के लिए पिछले कुछ वर्षों से केंद्र के स्तर पर लगातार प्रयास किये जाते
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मजबूरी में मजदूरी करते हैं बच्चे

निशा सहनी (मुजफ्फरपुर)——बिहार के मुजफ्फरपुर से 22 किमी दूर कुढ़नी प्रखंड अंतर्गत तेलिया गांव का 11 वर्षीय बैजू (नाम परिवर्तित)
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गांव तक सड़क पहुंची मगर परिवहन की सुविधा नहीं

गोल्डी कुमारी (गया)——हमारे देश में पिछले कुछ दशकों में जिन बुनियादी ढांचों पर सबसे अधिक ज़ोर दिया गया है, उसमें
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मशरूम की खेती बनी महिला किसानों की नयी पहचान

प्रियंका साहू (मुजफ्फरपुर)—आज मशरूम भोजन व स्वाद की दुनिया में अलग ही पहचान बना रही है. लोगों की जुबान पर मशरूम
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