बिहार

ग्रामीण किशोरियां आज भी माहवारी में कपड़े इस्तेमाल करती हैं : निशा साहनी

मुजफ्फरपुर——-संकुचित सोच के कारण आज भी समाज में माहवारी को अभिशाप माना जाता है. हालांकि यह अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है.
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स्मार्टफोन से बच्चे स्मार्ट से अधिक आक्रामक बन रहे हैं : वंदना कुमारी

मुजफ्फरपुर—-सूचना क्रांति के इस दौर में पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज बन गई है. आज तमाम अद्यतन जानकारी, सूचना, तकनीकी अनुसंधान,
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बिहार में खेल के क्षेत्र में सुधार की कवायद : रिंकु कुमारी

मुजफ्फरपुर, बिहार ——-   एक समय था जब कहा जाता था, ‘पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब’. मगर बदलते समय के
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पूरा आसमान अपना, मगर दो गज जमीन नहीं : रिंकु कुमारी

मुजफ्फरपुर, बिहार   ——- गोपालपुर तरौरा गांव के 45 वर्षीय शिवनंदन पंडित के परिवार में चार से छह लोग रहते हैं.
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