लेखक के कलम से

निजी स्वार्थ के कारण विपक्ष हुआ धड़ाम— सज्जाद हैदर

वाह! अजब रूप और गजब कहानी। वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। देश की चिंता किसे है आज के समय
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पिछले 20 वर्षों से रोजा रखते आ रहे हैं — लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव

रमजान में आपने अक्सर सुना होगा कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे महीने रोजा रखते हैं। लेकिन कई हिंदू
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भारतीय महिलाओं की राजनीतिक दशा और दिशा… आज भी हाशिए पर – मुरली मनोहर श्रीवास्तव

भारत गांवों का देश है, भारतीय महिलाएं शुरुआती दौर से सम्मान की पात्र रही हैं। मगर समाज में इनके हाशिए
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बंगाल में राजनैतिक प्रतिद्वंदिता या दुश्मनी—— डॉ नीलम महेंद्र

क्या ममता हार मान चुकी है? आज़ाद भारत के इतिहास में शायद पहली बार चुनावी हिंसा के कारण देश के
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राजनीति का मुख्य उद्देश्य “जनसेवा” या फैमिली कैरियर?— सज्जाद हैदर

इतिहास साक्षी है जब-जब विश्व के किसी भी देश में जनता ने आंदोलन आरम्भ किया और जनहित हेतु आंदोलन आरम्भ
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जदयू का घोषणा पत्र —-मुरली मनोहर श्रीवास्तव

• जदयू ने आखिर क्यों जारी नहीं किया घोषणापत्र ? • राम मंदिर और धारा 370 पर मतभेद के लगाए
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मातृ दिवस पर बधाई —— सुलेखा डोगरा

माँ’ केवल एक शब्द नहीं, बल्कि वो अपने आप में एक घर है, पूरा संसार है, जिसमें हम सुख शांति
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क्या विपक्ष बना पाएगा सरकार ? — सज्जाद हैदर

राजनीति एक ऐसा विषय है जिस पर कुछ भी भविषयवाणी करना असंभव है। परन्तु, ऐसा भी नहीं कि मूकदर्शक बनकर
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‘आखिरी रियासती राजा’ और ‘प्रथम सांसद’ कमल सिंह—– मुरली मनोहर श्रीवास्तव

देश के ‘आखिरी रियासती राजा’ और ‘प्रथम सांसद’ कमल सिंह को लोकतंत्र में आज भी है पूर्ण आस्था ********************* •
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खोखली राजनीति और जनता का आक्रोश ——— सुरेश हिन्दुस्थानी

भारतीय राजनीति और राजनेताओं के प्रति आम जनता की भड़ास का प्रकट होना निश्चित रुप से यह प्रमाणित करता है
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