लेखक के कलम से

नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की जयंती– पी मधुसूदन नायडू

आज़ादी आंदोलन में नेताजी पराक्रम के प्रतीक थे –प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल वर्धा———–: महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति
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फ़िल्मो में प्रयोग होती कनपुरिया लफ़्फ़ाज़ी —- अकरम क़ादरी

मशहूर कहावत है “ढाई कोस पास पर पानी बदले और ढाई कोस पर वाणी” यह कहावत बिल्कुल सटीक है- क्योंकि
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जन – गण- मन की भाषा – डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’

आज समग्र राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। गण का अर्थ है समूह। भारत की शासन व्यवस्था जनतांत्रिक है। लेकिन
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संकट को संभावनाओं में बदलती महिलाएं— शिरीष खरे

पुणे (महाराष्ट्र) कोरोना संक्रमण के संकट को पीछे छोड़ते हुए भारत ने एक साथ दो वैक्सीन बना कर जो इतिहास
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शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत—– डॉ नीलम महेंद्र लेखिका वरिष्ठ स्तंभकार हैं

अहिंसा के मंत्र से दुनिया को अवगत कराने वाला भारत आज एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर मजबूती के
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मातृभाषा और बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में भारतीय भाषाओं का महत्व—राहुल देव

किसी व्यक्ति के जीवन में उसकी मातृभाषा के महत्व की सबसे अच्छी और सटीक तुलना करने के लिए माँ के
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सरकार बनाम किसान में नोटिस की इंट्री!—- सज्जाद हैदर (वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्र चिंतक)

किसान बिल के विरोध में लगातार दिल्ली की सीमा डटे हुए हैं। जिनकी कई बार सरकार से चर्चा भी हो
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थार के पारिस्थितिक तंत्र में अक्षय ऊर्जा की संभावनाएं — दिलीप बीदावत

बाड़मेर(राजस्थान)– रेगिस्तान में अक्षय ऊर्जा अर्थात सौर और विंड एनर्जी निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। यहां साल के अधिकांश दिनों
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20 साल बाद भी सुविधाओं से वंचित हैं पहाड़ी गाँव — महानंद सिंह बिष्ट

चमौली (उत्तराखंड)– बेहतर सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार एवं आजीविका की अपेक्षाओं के साथ उत्तरप्रदेश से पृथक हुए राज्य उत्तराखंड आज
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हम किस राष्ट्रचेतना की बात करते हैं ? — श्रीमती लीना मेहंदले

राष्ट्र चेतना का उदय राष्ट्र के चिंतन से होता है ! राष्ट्र चिंतन होता है राष्ट्रके दर्शन या तत्वज्ञान से
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