लेखक के कलम से

वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र की समीक्षा कृति लोकार्पित

विगत छः दशकों से सतत साधनारत वरिष्ठ गीतकार डॉ. विनोद निगम के गीतों पर आधारित समीक्षा कृति ‘गीत यात्रा में
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क्या किसान आंदोलन अपनी प्रासंगिकता खो रहा है —- डॉ नीलम महेंद्र (लेखिका वरिष्ठ स्तंभकार

आज सोशल मीडिया हर आमोखास के लिए केवल अपनी बात मजबूती के साथ रखने का एक शक्तिशाली माध्यम मात्र नहीं
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अपने बच्चो को संस्कार के साथ अपने इतिहास के बारे में जरूर अवगत कराएं —

नई दिल्ली — अखिल वैश्विक छत्रिय महासभा ट्रस्ट की पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रथम बैठक ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव एवं
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ग्लेशियर टुटने से हुई भारी तबाही पर चिन्ता व मृतकों को श्रद्धांजली– रमेश गोएल

तपोवन घाटी में ग्लेशियर टुटने से हुई भारी तबाही पर चिन्ता व मृतकों को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए पर्यावरणविद् व
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घूंघट में रह कर स्वावलंबी बनती ग्रामीण महिलाएं –राजेश निर्मल

सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश——-इंसान और पशु में बस इतना ही फ़र्क है कि पशु अपना सारा जीवन खाने और सोने में
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आँसुओं की दो बूँद बन गया सैलाब!—- सज्जाद हैदर-(वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्र चिंतक)

देश के सामने एक नया सवाल आकर खडा हो गया। क्या किसानों को एक नया जुझारू नेता मिल गया। क्या
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“बीहड़ में स्त्री स्वाभिमान की जागरूकता”–सूर्यकांत देवांगन

भानुप्रतापपुर (छत्तीसगढ़)— भारतीय समाज में आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं पीरियड्स को लेकर कई मिथकों और संकोचों में अपना
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नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की जयंती– पी मधुसूदन नायडू

आज़ादी आंदोलन में नेताजी पराक्रम के प्रतीक थे –प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल वर्धा———–: महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति
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फ़िल्मो में प्रयोग होती कनपुरिया लफ़्फ़ाज़ी —- अकरम क़ादरी

मशहूर कहावत है “ढाई कोस पास पर पानी बदले और ढाई कोस पर वाणी” यह कहावत बिल्कुल सटीक है- क्योंकि
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जन – गण- मन की भाषा – डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’

आज समग्र राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। गण का अर्थ है समूह। भारत की शासन व्यवस्था जनतांत्रिक है। लेकिन
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