- November 9, 2015
आयुर्वेद को घर-घर तक पहुंचाएं वैद्य – शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि आयुर्वेद और योग विश्व को भारत की अनुपम देन है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्घति भारत की सदियों पुरानी जांची परखी चिकित्सा है। सदियों तक भारत में स्वस्थ जीवन का आधार रही आयुर्वेद चिकित्सा को घर-घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है। आयुर्वेद विभाग एवं इससे जुड़े वैद्य आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करें। राज्य सरकार इस कार्य में पूरी सहायता देगी।
प्रो. देवनानी सोमवार को अजमेर में धन्वंतरि जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम सादगीपूर्ण ढ़ंग से मनाया गया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारत में स्वस्थ जीवन का आधार रहा है। भारत में सदियों तक पूर्वजों ने आयुर्वेद के सहारे स्वस्थ जीवन जिया। यह देश की जांची परखी चिकित्सा पद्घति है। जिसमें जटिल रोगों का इलाज भी संभव है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐलोपैथी चिकित्सा पद्घति का चलन बहुत अधिक हो गया है। हम ज्यादा से ज्यादा ऐलोपैथिक चिकित्सा पद्घति पर निर्भर होते जा रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम पुन: आयुर्वेद को चिकित्सा के लिए घर-घर तक पहुंचाएं। यह कार्य हम सबके सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।
प्रो. देवनानी ने कहा कि आयुर्वेद विभाग आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रचार और प्रसार के लिए गम्भीरता से प्रयास करे। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी विभागों में इसका प्रचार किया जाए। बड़े पैमाने पर प्रदर्शनी एवं अन्य प्रचार अभियान चलाए जाएं तो बेहतर परिणाम हासिल हो सकते है। आमजन में लोकप्रियता बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। विभाग स्वयं दिलचस्पी लेकर कार्य करे तो सकारात्मक परिणाम हासिल हो सकते है। लोगों में योग और आयुर्वेद के प्रति रूझान बढ़ रहा है। जरूरत है इन प्रयासों को सही दिशा में मोडऩे की। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो निश्चित रूप से लाोगों का रूझान आयुर्वेद की ओर बढ़ेगा। इस अवसर पर आयुर्वेद विभाग के विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।