- April 11, 2015
एएनएम प्रति मंगलवार और शुक्रवार को ग्राम आरोग्य केन्द्र स्तर पर टीके लगायें
मध्यप्रदेश में 7 अप्रैल से मिशन इंद्रधनुष की शुरूआत हुई है। इसके साथ ही पूर्व से प्रदेश में माताओं और बच्चों के लिए मदर एण्ड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से एएनएम को विशेष दायित्व दिया गया है। प्रति मंगलवार और शुक्रवार को ग्राम आरोग्य केन्द्र स्तर पर टीके लगाने का कार्य भी होता है। इसके बावजूद विभिन्न कारण से अनेक बच्चे टीकाकरण से छूट जाते हैं।
इन छूटे हुए बच्चों की जिन्दगी की रक्षा का महत्वपूर्ण माध्यम मिशन इन्द्रधनुष है। प्रदेश में 23 हजार दल कार्य कर रहे हैं। अनेक ऐसे स्थान तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहुँच रहे हैं, जहाँ आम तौर पर शासकीय सेवक नहीं पहुँचते। घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों और घुमक्कड़ और बन्जारा समुदाय तक टीकाकरण करने वाले दल पहुँच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर बच्चों का टीकाकरण कर उनका जीवन बचाने के मिशन इन्द्रधनुष की प्रदेशव्यापी शुरूआत विदिशा जिले से की गई थी। राज्य में विभिन्न जिलों में यह मिशन एक-एक सप्ताह के चरण में संचालित किया जा रहा है। इसमें दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाए जा रहे हैं।
दूसरा चरण सात मई, तीसरा चरण सात जून और चौथा चरण सात जुलाई से प्रारंभ होकर अगले सात दिन तक चलेगा। डिप्थीरिया, काली खाँसी, टेटनस, पोलियो, टीबी, खसरा और हेपेटाइटिस बी जैसे रोगों से जीवन को बचाने वाले इन टीकों के संबंध में भ्रांतियों को दूर करने का कार्य भी प्रदेश में अभियान के स्तर पर चलेगा। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव इस मिशन के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बैठकें लेकर निर्देश दे चुके हैं।
प्रदेश में टीकाकरण के राष्ट्रीय औसत 65 प्रतिशत के मुकाबले में टीकाकरण का प्रतिशत कहीं ज्यादा 66.4 प्रतिशत है। अब इस मिशन में मध्य प्रदेश में 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की रणनीति बनाई गई है। जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
मिशन इन्द्रधनुष के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में जो 201 जिले चुने हैं इनमें मध्यप्रदेश के उच्च प्राथमिकता वाले 15 जिले- अलीराजपुर, अनूपपुर, छतरपुर, दमोह, झाबुआ, मंडला, पन्ना, रायसेन, सागर, रीवा, सतना, टीकमगढ़, शहडोल, उमरिया और विदिशा शामिल हैं। हालाँकि राज्य सरकार शेष जिलों में भी टीकाकरण पर जोर दे रही है।