- April 10, 2015
राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना बैठक
नई दिल्ली – 20वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना (एनओएसडीसीपी) और तैयारी बैठक का आयोजन आज गोवा में किया गया। भारतीय तट रक्षक के महानिदेशक और एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष वाइस एडमिरल एचसीएस बिष्ट ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्र और राज्य सरकार के विभागों, विभिन्न मंत्रालयों, एजेसिंयों, बंदरगाहों और तेल कंपनियों के कुल 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष वाइस एडमिरल एचसीएस बिष्ट द्वारा संशोधित राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना जारी की गई। एनओएसडीसीपी का व्यापक संशोधित 2015 संस्करण, जुलाई, 1996 में प्रकाशित अपने प्रथम संस्करण से लेकर वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय मानकों, सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों, प्रमुख सार्थक राष्ट्रीय नियमों और प्राप्त अनुभवों और राष्ट्रीय योजना के लिए हितधारकों से प्राप्त मूल्यवान सुझावों को प्रबिम्बित करता है।
हालाकि एनओएसडीसीपी के पिछले संस्करण में सिर्फ तेल रिसाव शामिल था जबकि संशोधित संस्करण में राष्ट्रीय तैयारियों और आपदा की स्थिति में उठाए जाने वाले व्यापक कदमों को भी शामिल किया गया है।
बैठक के दौरान महासागर सूचना सेवाओं के भारतीय राष्ट्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. एस.एस.सी. शहनोई द्वारा ऑनलाइन तेल रिसाव सलाह प्रणाली भी जारी की गई। आईएनसीओआईएस द्वारा विकसित ओओएसए प्रणाली भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में स्थान देती है जहां तेल रिसाव जैसी गतिविधियों के लिए स्वदेश में निर्मित एक ऑनलाइन पूर्व चेतावनी व्यवस्था है।
20वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना बैठक का आयोजन भारतीय जल क्षेत्र में किसी भी तरह की तेल रिसाव आपदा से निपटने की सामूहिक तैयारी को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय क्षमताओं की समीक्षा के लिए किया गया था।
वाइस एडमिरल एच.सी.एस.बिष्ट ने पिछले वर्ष हुई प्रदूषण नुकसानों जैसी छोटी दुर्घटनाओं के अलावा बांग्लादेश में तेल रिसाव जैसी घटनाओं पर भी विचार-विमर्श किया जिसके कारण सुंदर वन डेल्टा के पारिस्थितिकीय वातावरण को नुकसान पहुंचा था।
उन्होंने सभी बंदरगाहों और तेल प्रतिष्ठानों के प्रभारियों से गुजारिश की, कि वे भारतीय जल क्षेत्र में तेल रिसाव आपदाओं से निपटने के लिए अपनी योजनाओं और संसाधनों की समीक्षा करें।