- March 19, 2015
ओलावृष्टि : काश्तकारों के लिए राहत पैकेज
जयपुर -राज्य सरकार ने ओलावृष्टि से प्रभावित काश्तकारों को राहत पहुंचाने के लिए राहत पैकेज घोषित किया है।
आपदा प्रबन्धन सचिव श्री रोहित कुमार ने राहत पैकेज की जानकारी देते हुए बताया कि जिन लघु सीमान्त एवं अन्य कृषकों की 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति (बोये गये क्षेत्र का) हुई है, उनको कृषि आदान अनुदान दिया जायेगा जो एस.डी.आर.एफ. मानदण्डो के अन्तर्गत सम्बन्धित जोत सीमा एवं नोम्र्स अनुसार अधिकतम दो हैक्टेयर तक देय होगा।
आपदा प्रबन्धन सचिव ने बताया कि असिंचित क्षेत्र हेतु 4500 रुपये प्रति हेक्टयर एवं सिंचित क्षेत्र के लिए बिजली के कुओं व नहर से सिंचित क्षेत्र हेतु 9000 रुपये प्रति हेक्टयर तथा डीजल पम्प सैट से सिंचित क्षेत्र हेतु 12000 रुपये प्रति हेक्टयर तक देय होगा।
उन्होंने बताया कि जिन लघु एवं सीमान्त कृषकों की बोये गये क्षेत्र का फसल में 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक खराबा हुआ है, उनके बिजली के 4 माह के बिल माफ किये जायेगें। ओलावृष्टि से प्रभावित 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक खराबा वाले काश्तकारों को सिंचाई विभाग द्वारा लिये जाने वाला आबियाना शुल्क माफ किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि से प्रभावित गांव जिसमें 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान हुआ है, उनको अभावग्रस्त घोषित किये जाने हेतु सूखा संहिता के अनुसार विस्तृत रिपोर्ट जिला कलक्टर द्वारा प्रेषित की जायेेगी।
उन्होंने बताया कि अभावग्रस्त जिलों के अभावग्रस्त ग्रामों में अभावग्रस्त घोषित किये जाने के पश्चात भू-राजस्व वसूली स्थगन किया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार सहकारी अल्पकालीन ऋणों की वसूली स्थगित कर मध्यकालीन ऋणों में परिवर्तन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि राहत पैकेज में घोषित सहायता, उन कृषकों को भी दी जा सकती है, जिनका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है, किन्तु जिन्होंने भूमि पर ठेकेदारी/बांटेदारी से फसल की है।
ऐसे किसान जिन्होंने खेती ठेके पर की है वह बोई गई भूमि के खातेदार से 5 रुपये के स्टाम्प पेपर पर सहमति प्राप्त कर तहसील स्तर पर गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत करेेंगे। इस प्रकार की समस्या के निर्णय हेतु संबंधित तहसीलदार, ग्राम पटवारी तथा ग्रामसेवक की एक तीन सदस्य समिति का गठन किया
जायेगा। यह समिति इस प्रकार के बिन्दुओं पर निर्णय लेकर निर्धारण करेगी कि राहत किसे दी जानी है। इसके लिये कृषकों को अपने खातेदार की लिखित सहमति इस समिति को देनी होगी।
उन्होंने बताया कि किसी काश्तकार द्वारा अपने स्वतंत्र रूप से नोशनल शेयर के आधार पर या स्वतंत्र रूप से धारित भूमि के कुल रकबा यदि सीमान्त तथा लघु कृषक के लिए धारित रकबा के अनुसार हो तो उससे लघु सीमान्त कृषक के अनुसार कृषि आदान अनुदान स्वीकृत किया जायेगा। ओलावृष्टि से प्रभावितों (मृतक, घायल, क्षतिग्रस्त मकान एवं पशुओं की मृत्यु आदि) को राज्य आपदा मोचन निधि मानदण्ड अनुसार सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।
उन्होंने बताया कि एस.डी.आर.एफ. में निर्धारित नोम्र्स के अन्तर्गत जनहानि के लिये 1.5 लाख रुपये देय है। इसके अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये राज्य सरकार द्वारा दिया जायेगा। निर्धारित नोर्मस के तहत वर्तमान में अधिकतम 4 भेड़-बकरी के लिय 1650 रुपये प्रति पशु निर्धारित है। मृतक भेड़-बकरी के लिये प्रति परिवार/काश्तकार को देय राहत की अधिकतम सीमा 1 लाख रूपये की जाती है, जिसमें 4 पशुओं तक सहायता एस.डी.आर.एफ. नोम्र्स से देय है एवं शेष सहायता राज्य मद से दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि निर्धारित नोम्र्स के तहत वर्तमान में अधिकतम एक दुधारू पशु (गाय, भैंस, ऊॅट) के लिये 16400 रुपये प्रति पशु निर्धारित है। प्रति काश्तकार/परिवार देय राहत की अधिकतम सीमा 1.25 लाख रुपये की जाती है। परन्तु 1 पशु तक सहायता राशि एस.डी.आर.एफ. नोम्र्स से देय है एवं शेष सहायता राज्य मद से दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि यह सहायता केवल दुधारू पशुओं के लिए देय है। बडे पशुओं में गाय, भैंस, ऊंटणी शामिल है तथा छोटे पशुओं में भेड, बकारियां शामिल है । यह सहायता एस.डी.आर.एफ. नोम्र्स के अन्तर्गत देय सहायता को शामिल करते हुए यह सहायता राशि क्रमश: अधिकतम सीमा एक लाख रुपये से 1.25 लाख रुपये तक होगी।
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