- March 13, 2015
नये विधेयक का उद्देश्य है सुरक्षित परिवहन प्रणाली
नई दिल्ली – मोटर वाहन अधिनियम 1988 के स्थान पर नये सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक 2015 में एक राष्ट्रीय सड़क परिवहन एवं मल्टी मॉडल समन्वय प्राधिकरण और राज्य परिवहन प्राधिकरण का गठन करना है। इसका उद्देश्य ऐसी एकीकृत, सुरक्षित एवं स्थाीय परिवहन प्रणाली की योजना बनाना और विकास करना है, जो अध्याय-6 के 109 से 145 खंडों के तहत एक समावेशी, समृद्ध और पर्यावरण के लिहाज से भारत के प्रति उत्तरदायी हो। प्रस्तावित विधेयक की धारा 139 में सड़क परिवहन प्राधिकरण के प्रमुख उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं –
1. राष्ट्रीय परिवहन प्राधिकरण, अन्य राज्य परिवहन निकायों एवं सार्वजनिक इकाइयों, शहरी स्थानीय निकायों और भूमिधारक एजेंसियों तथा ट्रैफिक पुलिस के सहयोग के साथ, यह सुनिश्चित करना कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की योजना एवं इसका संचालन एक एकीकृत परिवहन प्रणाली का एक हिस्सा हो, जो राज्य के भीतर सभी परिवहन प्रणाली उपयोगकर्ताओं की जरूरतों की पूर्ति करता हो।
2. सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का इस प्रकार से प्रबंधन एवं नियमन करना, जो राज्य के भीतर एक मल्टी मॉडल एकीकृत समेकित परिहवन प्रणाली का समर्थन इसके माध्यम से करता हो :
(i) राज्य के भीतर सार्वजनिक परिवहन के फेरों को बढ़ाना।
(ii) सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देना।
(iii) पर्यावरण के प्रदर्शन को बेहतर बनाना तथा सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर पर्यावरण के प्रतिकूल प्रभावों को कम से कम करना।
(iv) आजीविका अवसरों की सुविधा मुहैया कराना तथा समुदाय के सदस्यों के बीच सामाजिक मेलजोल को समर्थन देना।
(v) सार्वजनिक परिवहन के उपयोगकर्ताओं की कारगर एवं विश्वसनीय आवाजाही के जरिए आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना, साथ ही पशुधन तथा वस्तुओं की आवाजाही को भी सहायता देना।
(vi) सार्वजनिक परिवहन के उपयोगकर्ताओं के लिए सार्वजनिक परिवहन की कुशलता को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, राष्ट्रीय परिवहन प्राधिकरण, राज्य सड़क परिवहन निगम, सार्वजनिक तथा निजी परिवहन संचालक, शहरी स्थानीय निकायों, राष्ट्रीय प्राधिकरण, राज्य सुरक्षा प्राधिकरण, राज्य पुलिस एवं ऐसे अन्य निकायों समेत महत्वपूर्ण निकायों के साथ सहयोग करना।
भारत सरकार ने ‘देश में सार्वजनिक सड़क परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा’ नामक एक परियोजना की शुरूआत की है। इस योजना का उद्देश्य मुसीबत में पड़ी महिलाओं को न्यूनतम रिस्पोंस समय में तत्काल सहायता मुहैया कराने के लिए सार्वजनिक सड़क परिवहन के स्थानों की निगरानी के द्वारा सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
‘निर्भया फंड’ के तहत प्रस्तावित योजना में देश में 10 लाख या उससे अधिक की आबादी वाले 32 शहरों में स्थानों की जीपीएस निगरानी के लिए राष्ट्रीय स्तर ‘राष्ट्रीय वाहन सुरक्षा एवं निगरानी प्रणाली’ और राज्य स्तर (सिटी कमांड एवं निगरानी केन्द्र) पर एक समेकित प्रणाली का गठन, सार्वजनिक परिवहन वाहनों में आपातकालीन बटनों तथा घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग का प्रावधान है।
यह जानकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में राज्यमंत्री श्री पोन राधाकृष्णन ने आज लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।