• March 5, 2015

जन समस्याओं को सुने जाने के निर्देश

जन समस्याओं को सुने जाने के निर्देश

जयपुर -शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने उनकी राजकीय यात्राओं के दौरान प्रोटोकोल के अंतर्गत जिले की सीमाओं पर शिक्षा विभाग के 10-15 अधिकारियों द्वारा उपस्थित होकर स्वागत, सत्कार  किए जाने से समय व शक्ति के अपव्यय को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि इससे समय का अपव्यय होने के साथ ही राजकीय कार्य सम्पादन में बाधा आती है। उन्होंने प्रोटोकोल के दौरान एक सक्षम अधिकारी के ही उपस्थित रहने तथा अन्य के विभागीय बैठकों व अन्य निर्देशों पर ही उपस्थिति होने के लिए कहा है।

उन्होंंने विभागीय बैठकों एवं कार्यक्रमों में स्वागत सत्कार के रूप में पहनाए जाने वाले साफे, बड़ी संख्याओं में मालाओं और भेंट किए जाने वाले प्रतीक चिन्ह देने की परम्परा को भी तोड़े जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे अनावश्यक रूप में धन पर भार पड़ता है। यदि आवश्यक ही समझा जाए तो सम्मान स्वरूप केवल एक पुष्प गुच्छ या पुष्पमाल ही भेंट की जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जिले की सीमाओं पर उपस्थित होकर स्वागत की बजाय विभागीय कार्यक्रम के दौरान प्राप्त जन समस्याओं की सही जानकारी प्राप्त करने और यथा संभव आमजन की समस्याओं के निस्तारण के लिए कार्य करने पर जोर दिया।

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