राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य नीति में संशोधन

राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य नीति में संशोधन

देश की आबादी विशेषकर ग्रामीण आबादी की सेहत की स्‍थिति में सुधार की आवश्‍यकता है। लेकिन देश के ग्रामीण इलाकों में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की स्‍थिति राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनआरएचएम) लांच किए जाने के बाद से सुधरी है।

राष्‍ट्रीय सैम्पल सर्वे ऑगर्नाइज़ेशन (एनएसएसओ) 2004-05 के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति दस हजार आबादी पर स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों का प्रतिशत 11.74 है, प्रति दस हजार आबादी पर घनत्‍व 40.46 है। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य प्रोफाइल 2011 के अनुसार देश में अस्‍पतालों में उपलब्‍ध 7,84,940 कुल बेड में से ग्रामीण क्षेत्र के अस्‍पतालों में 1,60,862 बेड हैं। स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य का विषय है। स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं देना राज्‍य सरकारों की प्राथमिक जिम्‍मेदारी है। स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल की चुनौतियों खासकर ग्रामीण क्षेत्र की चुनौतियों, से निपटने के लिए 2005 में एनआरएचएम लांच किया गया ताकि राज्‍य/केन्‍द्र शासित सरकारों को किफायती और अच्‍छी चिकित्‍सा सुविधा प्रदान करने के उनके प्रयासों में सहायता की जा सके।

एनआरएचएम के तहत आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े तथा खराब स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक वाले राज्‍यों को दूसरे राज्‍यों की तुलना में प्रति व्‍यक्‍ति आबंटन अधिक होता है। राज्‍यों के अंदर उचित स्‍वास्‍थ्‍य सेवा सुनिश्‍चित करने तथा स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में सुधार लाने के लिए राज्‍य के बाहर की असमानताओं से कारगर तरीके से निपटने का काम शुरू किया गया है। प्रत्‍येक राज्‍य में कम से कम 25 प्रतिशत जिले उच्‍च प्राथमिकता वाले जिलों के रूप में समेकित स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक के आधार पर चिह्नित किए गए हैं। राज्‍य औसत से नीचे के सभी जनजातीय जिलों को उच्‍च प्राथमिकता वाले जिलों में शामिल किया गया है। इन जिलों को प्रति व्‍यक्‍ति अधिक धन मिलता है और उन्‍हें विशेष स्‍वास्‍थ्‍य चुनौतियों से निपटने के उपाय अपनाने में समर्थन दिया जाता है।

एनएचएम के तहत राज्‍यों को उनकी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रणाली मजबूत बनाने में वित्‍तीय सहायता दी जाती है। इसमें अवसंरचना, उपकरण, मानव संसाधन तथा अन्‍य संसाधन है जिनकी आवश्‍यकता राज्‍यों ने अपने कार्यक्रम कार्यान्‍वयन योजना में बताई थी। इसके अलावा, कार्यक्रम के कारगर कार्यान्‍वयन के लिए प्रोग्राम मैनेजर, वित्‍त मैनेजर, अकाउंटेंट, डाटा मैनेजर आदि के लिए भी समर्थन दिया जाता है।

राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य नीति, 2015 का मसौदा सार्वजनिक कर दिया गया है और सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए है।

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