- December 25, 2014
तेजाब हमले रोकने के नए उपाय : शिकार लोगों को विकलांग जन वर्ग में मान जाएगा
• तेजाब की बिक्री नियमित करने के लिए एक वेब एप्लीकेशन विकसित की जाएगी जिसमें विक्रेता की पंजीकरण संख्या, उसे लाइसेंस जारी करने के विवरण, व्यक्तियों को तेजाब की लेखा-जोखा और उनके व्यक्तिगत विवरण जैसे पहचान पत्र, पते का प्रमाण पत्र आदि दर्ज किया जाएगा। इससे तेजाब की अनाधिकृत बिक्री में कमी आएगी।
• तेजाब के शिकार लोगों का इलाज अस्पतालों में मुफ्त किया जाएगा। इसके लिए होने वाला खर्च गृह मंत्रालय उठाएगा।
• जिन अपराधों की अधिकतम सजा आजीवन कारावास या मृत्युदंड है उन्हें जघन्य अपराध माना जाएगा। आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 के अंतर्गत जिन अपराधों की छानबीन की जाती है, उन्हें 60 दिनों के अंदर पूरा किया जाता है। इस प्रकार की व्यवस्था इन अपराधों के लिए भी जाएगी।
• सरकार ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए समयसीमा निर्धारित कर सकती है और तेजाब हमलों को उनमें शामिल कर सकती है। इससे शिकार लोगों को तेजी से न्याय मिल सकेगा।
• तेजाब हमले के शिकार लोगों को विकलांग जन वर्ग में मान लिया जाएगा। इससे उन्हें आरक्षण, प्रशिक्षण, ऋण सुविधा आदि मिल सकेगी। इससे उनके पुनर्वास में सहायता मिलेगी।