केन्द्रीय कृषि मंत्री : कपास की खरीद सुनिश्चित करें

केन्द्रीय कृषि मंत्री :  कपास की खरीद सुनिश्चित  करें
नई दिल्ली  – केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने  नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से चार कपास उत्पादक राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कपास की खरीद सुनिश्चित कर कपास किसानों के हितों की रक्षा करने को कहा।

बैठक में कृषि राज्य मंत्री श्री मोहनभाई कल्याणजीभाई कुंदरिया व डॉ. संजीव कुमार बालियान, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय, कपड़ा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष गंगवार और संबंधित मंत्रालयों, सीसीआई तथा नैफेड के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।

श्री राधा मोहन सिंह ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एमएसपी से कम दामों पर कपास की कथित बिक्री किए जाने की खबरों पर चिंता व्यक्त की। देश में कपास के परिदृश्य के बारे में बताते हुए सीसीआई के सीएमडी ने यह सूचित किया कि सीसीआई ने खरीद केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के लिए हरसंभव उपाय किए हैं।

उन्होंने कहा चूंकि सीसीआई को किसी सहकारी संघ को अपना एजेंट नियुक्त करने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए कृषि मंत्रालय नैफेड की सरकारी गारंटी सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर गौर कर सकता है, ताकि वे राज्य एजेंसी मसलन, महाराष्ट्र संघ की नियुक्ति की तरफ कदम बढ़ा सके। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कृषि मंत्री श्री सिंह ने सीसीआई को एक ऐसा विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया जिसमें खरीद केन्द्रों की मौजूदा संख्या, उनके स्थान इत्यादि का ब्यौरा हो।

उन्होंने सीसीआई को तकनीकी कर्मचारियों समेत अपनी श्रम शक्ति बढ़ाने का भी निर्देश दिया, जिससे कि कपास की खरीद कारगर ढंग से हो सके। इसके अलावा, समय-समय पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित किए जा सकते हैं ताकि किसानों के बीच यह संदेश जाए कि खरीद के लिए सीसीआई के केन्द्र उनके दरवाजे पर ही हैं।

श्री सिंह ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकार के पदाधिकारियों के साथ साठगांठ करके बिचौलियों द्वारा किसानों का शोषण किए जाने पर विराम लगाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किए जाने चाहिए और वरिष्ठ अधिकारियों को खेतों में लंबे समय तक रुकना चाहिए ताकि किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा हो सके और वे कपास की अंधाधुंध बिक्री करने पर विवश न हो जाएं। श्री सिंह ने सीसीआई को यह भी निर्देश दिया कि सभी संबंधित राज्यों के सांसदों को पत्र लिखकर यह सूचित किया जाए कि किसानों द्वारा कपास की अंधाधुंध बिक्री रोकने के लिए सीसीआई ने क्या-क्या कदम उठाए हैं। इसके अलावा, इस समस्या को सुलझाने के लिए सांसदों से सुझाव भी आमंत्रित किए जाने चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि सीसीआई को इस आशय का प्रचार व्यापक रूप से करना चाहिए कि कपास का निर्यात खुला है और उन्हें तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में अब तक हुई खरीद का ब्यौरा देना चाहिए। इस बात का भी प्रचार किया जाना चाहिए कि महाराष्ट्र और गुजरात में कपास की खरीद दो दिनों में ही शुरू होने वाली है।

वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ने क्रेता (जैसे कि सरकारी खरीद एजेंसी) और किसानों के बीच सीधा संपर्क कायम करने की जरूरत पर बल दिया। उधर, सीसीआई ने यह आश्वासन दिया कि आरंभिक खरीद के दौरान कपास में नमी के प्रतिशत, बोरियों की कमी के कारण गुणवत्ता प्रभावित होने और खरीद केन्द्रों की संख्या में बढ़ोतरी करने के बारे में जो चिंता बैठक में व्यक्त की गयी, उन पर गौर किया जाएगा और किसानों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।

बैठक के दौरान वाणिज्य सचिव ने बांग्लादेश, वियतनाम, तुर्की और इंडोनेशिया जैसे नए बाजारों को तलाशने और इन देशों के साथ दीर्घकालिक कपास निर्यात समझौते करने की संभावनाओं पर गौर करने की जरूरत पर बल दिया।

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